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उद्धव ठाकरे ने दी चुनौती.. बोले ‘महाराष्ट्र सरकार गिराकर दिखाए, मैं फेविकॉल लगाकर नहीं बैठा हूं’

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उद्धव ठाकरे ने दी चुनौती.. बोले 'महाराष्ट्र सरकार गिराकर दिखाए, मैं फेविकॉल लगाकर नहीं बैठा हूं'

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिरने के बाद, राजस्थान में सचिन पायलट के इस्तीफे के बाद राजनीतिक हलचल के बीच महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार के मुखिया उद्धव ठाकरे ने खुली चुनौती दी है कि महाराष्ट्र सरकार जिस किसी को भी गिरानी है, गिराकर दिखाए. उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि अगस्त-सितंबर में गिराएंगे. मैं कहता हूं कि अभी गिराओ. मैं फेविकॉल लगाकर नहीं बैठा हूं.

कांग्रेस, एनसीपी (NCP) और शिवसेना के गठबंधन वाली महाराष्ट्र सरकार में कांग्रेसी विधायकों के अंसतोष की खबरें बीते दिनों सामने आईं. इसके बाद फिर महाविकास अघाड़ी सरकार के अस्थिर भविष्य को लेकर चर्चा जोर पकड़ने लगी. इसी बीच उद्धव ठाकरे ने शनिवार को सामना में इंटरव्यू में कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि अगस्त-सितंबर में महाराष्ट्र सरकार गिराएंगे. मेरा कहना है कि इंतजार किस बात का करते हो, अभी गिराओ.

उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने विपक्षी दल बीजेपी पर इशारों में तंज कसते हुए कहा, ‘आपको (भाजपा को) गिराने-पटकने में आनंद मिलता है न. कुछ लोगों को बनाने में आनंद मिलता है. कुछ लोगों को बिगाड़ने में आनंद मिलता है. बिगाड़ने में होगा तो बिगाड़ो. मुझे परवाह नहीं है. गिराओ सरकार.’ ठाकरे से जब पूछा गया कि क्या वह चुनौती दे रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि चुनौती नहीं बल्कि यह मेरा स्वाभाव है.

महाविकास अघाड़ी सरकार, रिक्शा है – उद्धव ठाकरे

ठाकरे ने कहा, ‘महाविकास अघाड़ी सरकार का भविष्य विपक्ष के नेता पर निर्भर नहीं है, इसलिए मैं कहता हूं कि सरकार गिराना होगा तो अवश्य गिराओ.’ गठबंधन के तीन दलों को उद्धव ने रिक्शा बताया और उन्होंने कहा कि रिक्शा गरीबों का वाहन है. बुलेट ट्रेन या रिक्शा में चुनाव करना पड़ा तो मैं रिक्शा ही चुनूंगा. उन्होंने कहा, ‘मैं गरीबों के साथ खड़ा रहूंगा. में अपनी भूमिका बदलता नहीं हूं. कोई ऐसी सोच न बनाए कि अब मैं मुख्यमंत्री बन गया हूं, मतलब बुलेट ट्रेन के पीछे खड़ा रहूंगा. नहीं, मैंने इतना ही कहा कि मैं मुख्यमंत्री होने के नाते सर्वांगीण विकास करूंगा.’

रिक्शा की स्टेरिंग मेरे हाथ में है और पीछे दो लोग बैठे हैं – उद्धव ठाकरे

अघाड़ी पर बोलते हुए ठाकरे ने कहा कि हमारी गाड़ी अब पटरी पर आ रही है. अब हमारी रिक्शा अच्छे से चलने लगी है. रिक्शा की स्टेरिंग मेरे हाथ में है और पीछे दो लोग बैठे हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में एक अलग प्रयोग किया गया है. तीन अलग-अलग विचारधाराओं के दल एक विचित्र राजनीतिक परिस्थिति में एक हुए हैं. उसमें सिर्फ और सिर्फ अपरिहार्यता के रूप में मुख्यमंत्री पद की कुर्सी मैंने स्वीकार की है. यह सम्मान है. सम्मान का पद है. बहुत बड़ा है लेकिन यह मेरा सपना कभी नहीं था. अब मैंने इसे स्वीकार कर लिया है.

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