महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को एक पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से, राज ने मुख्यमंत्री से एक अनुरोध किया है.
राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री को बताया है कि कोरोना काल में सेवा करते हुए मरने वाले निजी डॉक्टरों को बीमा कवर राज्य सरकार द्वारा खारिज कर दिया जाता है. ‘कोरोना अवधि के दौरान निजी क्लीनिक, अस्पताल, पैथोलॉजी लैब बिल्कुल बंद नहीं होनी चाहिए. सरकार ने सभी को मरीजों की सेवा के लिए तैयार रहने का आदेश दिया था. जिसके बाद अधिकांश डॉक्टर और अन्य चिकित्सा कर्मचारी पेशेवर प्रतिबद्धता के साथ रोगियों की सेवा करते रहे. सरकार ने यह भी कहा था कि कोरोना अवधि में सेवा करते समय किसी भी चिकित्साकर्मी की मृत्यु होने पर, उसके परिवार को 50 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा. हालांकि, अब एक निजी सेवा में चिकित्सा कर्मचारी के परिवार को बीमा के लाभ से वंचित किया जा रहा है. यदि यह बीमा कवर केंद्र सरकार की योजना के अनुसार उपलब्ध है, तो राज्य सरकार इससे क्यों इनकार कर रही है?, इसे असंवेदनशीलता नहीं बोलेंगे तो क्या बोलेंगे? सरकार डॉक्टरों को उनकी ज़िम्मेदारी बताती है लेकिन अपनी ज़िम्मेदारी भूल जाती है? ऐसा कैसे चलेगा’, ये सवाल राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री से पूछा है.
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— Raj Thackeray (@RajThackeray) September 14, 2020
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री को इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और संबंधित अधिकारियों को निजी और सरकारी दोनों सेवाओं में डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों के बीमा दावों पर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश देना चाहिए.” डॉक्टर और उनके परिवार को न्याय मिलेगा ऐसी आशा करता हूँ. राज ठाकरे ने पत्र के अंत में कहा.
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