1 April : बढ़ती बिजली दरों से परेशान महाराष्ट्र के नागरिकों को अब बड़ी राहत मिलने जा रही है। राज्य में बिजली की कीमतें घटाने का फैसला लिया गया है, जिससे उपभोक्ताओं को आर्थिक रूप से काफी लाभ मिलेगा। महाराष्ट्र राज्य विद्युत विनियामक आयोग (MERC) ने महावितरण कंपनी की बिजली दरों में कमी करने का निर्णय लिया है। यह आदेश पहली अप्रैल से लागू होगा, जिसके तहत बिजली की दरें लगभग 10 प्रतिशत तक सस्ती हो जाएंगी।
यह निर्णय राज्य सरकार की महागठबंधन सरकार के चुनावी वादे का हिस्सा था। विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सरकार ने बिजली दरों में कटौती करने की घोषणा की थी। इसके बाद, सरकार बनने के बाद, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अपने पहले बजट में इस वादे को दोहराया और अगले पांच वर्षों में बिजली की कीमतों को नियंत्रित करने की बात कही। अब सरकार अपने इस वादे को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। (1 April)
राज्य में महावितरण कंपनी के लाखों उपभोक्ताओं के लिए यह निर्णय बड़ी राहत लेकर आया है। बिजली की दरों में इस कटौती से घरेलू उपभोक्ताओं के साथ-साथ औद्योगिक और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलेगा। इससे छोटे व्यापारियों और उद्योगों को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
महाराष्ट्र राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने इस प्रस्ताव पर गहन विचार-विमर्श करने के बाद इसे स्वीकृति दी। आयोग के अनुसार, वर्ष 2025-26 के लिए बिजली की दरों में लगभग 10 प्रतिशत की कमी की जाएगी। यह कमी अगले पांच वर्षों तक बनी रहेगी, जिससे राज्य के नागरिकों को दीर्घकालिक राहत मिलेगी।
इस फैसले से जहां एक ओर उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिलेगी, वहीं दूसरी ओर सरकार पर यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होगी कि बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से जारी रहे। इसके लिए ऊर्जा विभाग आवश्यक कदम उठा रहा है, ताकि बिजली कंपनियों को भी वित्तीय संतुलन बनाए रखने में कोई परेशानी न हो। (1 April)
इस घोषणा से राज्य के नागरिकों में खुशी की लहर है। बढ़ती महंगाई के बीच बिजली बिलों में कमी एक सकारात्मक कदम है, जिससे आम जनता को राहत मिलेगी। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और नागरिकों की जरूरतों को प्राथमिकता दे रही है।
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