1 April : भारत में स्टांप पेपर प्रणाली में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 1 अप्रैल 2025 से फिजिकल स्टांप पेपर पूरी तरह से बंद कर दिए जाएंगे और उनकी जगह ई-स्टांप प्रणाली लागू होगी। यह बदलाव पारदर्शिता लाने, भ्रष्टाचार रोकने और सरकारी राजस्व में बढ़ोतरी के उद्देश्य से किया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने फिजिकल स्टांप पेपर धारकों को 31 मार्च तक इन्हें वापस करने और अपनी राशि वापस लेने का मौका दिया है। इसके बाद अप्रयुक्त स्टांप पेपर पूरी तरह बेकार हो जाएंगे। जिन लोगों के पास फिजिकल स्टांप पेपर हैं, उन्हें 10% राशि काटकर शेष रकम वापस मिलेगी। सरकार ने सभी फिजिकल स्टांप पेपर बाजार से वापस मंगाने का निर्णय लिया है। ( 1 April)
ई-स्टांप प्रणाली लागू होने से स्टांप पेपर की खरीद-फरोख्त पूरी तरह से डिजिटल होगी, जिससे फर्जीवाड़े, नकली कागजात और टैक्स चोरी जैसी समस्याओं पर लगाम लगेगी। स्टांप से जुड़े सभी रिकॉर्ड डिजिटल रूप में सुरक्षित रहेंगे, जिससे भविष्य में किसी भी अनियमितता का तुरंत पता लगाया जा सकेगा।
ई-स्टांप से सरकारी खजाने को भी लाभ होगा, क्योंकि यह प्रणाली अधिक सुरक्षित और पारदर्शी होगी। 2003 में सामने आए 30,000 करोड़ रुपये के तेलगी स्टांप पेपर घोटाले के बाद सरकार ने स्टांप पेपर प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए थे, और अब इसे पूरी तरह डिजिटल किया जा रहा है। ( 1 April)
नोएडा प्रशासन ने भी फिजिकल स्टांप पेपर से जुड़े नियमों के कड़ाई से पालन के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, लिफ्ट चालकों को भी 1 अप्रैल तक नोंदणी कराने के लिए कहा गया है, अन्यथा उन्हें विलंब शुल्क भरना होगा। यह बड़ा बदलाव देशभर में स्टांप पेपर से जुड़ी पारंपरिक प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
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