10 साल की बच्ची के पेट से निकाले गए करीब आधा किलो बाल, तीन घंटे तक चली सर्जरी। उसने एक, दो या पांच बाल नहीं, बल्कि 500 ग्राम बाल खाए थे। डॉक्टर ने जांच के बाद उसके पेट में काफी बाल पाए गए और ऑपरेशन के जरिए निकाला गया बाल।
तिरोदा तालुका के कार्ति की एक दस साल की बच्ची पिछले तीन साल से भूख न लगना, पेट दर्द और उल्टी से पीड़ित थी। उसके लिए, उसके पिता उसे बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. तिरोडा के पास ले गए। जब उन्होंने बच्ची की सोनोग्राफी की तो पाया कि पेट में कुछ अलग है। उन्होंने उसे बेहतर इलाज के लिए गोंदिया रेफर कर दिया। द्वारका स्पेशलिटी हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. विभु शर्मा को भेजा। जब डॉ शर्मा ने उसकी जांच की और उससे विस्तार से पूछताछ की, तो उसके पिता ने कहा कि वह बचपन में अपने बाल खाती थी। लेकिन अब उसने अपने बाल खाना बंद कर दिया है।
डॉक्टर ने जब बच्ची के पेट का सीटी स्कैन किया और देखा कि पेट में बालों का एक गुच्छा था और यह आंत में दबा हुआ था। डॉक्टरों ने उसके परिजनों को बताया कि ऑपरेशन करवाना पड़ेगा और उसके के दौरान बच्ची की जान को खतरा हो सकता है। परिजनों की सहमति से यह सर्जरी डॉ. अविनाश येल्ने, डॉ. यामिनी येल्ने के मार्गदर्शन में। डॉ. विभु शर्मा। श्रद्धा शर्मा के सहयोग से एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. 24 नवंबर को नरेश येराने के साथ ही सर्जरी की गई। तीन घंटे की सर्जरी के बाद बच्ची के पेट से आधा किलो बाल निकाले गए। सर्जरी के बाद बच्ची ठीक है। जल्द ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। बाल खाना एक मानसिक बीमारी है और इसका प्रचलन बहुत कम है। यह रोग दुर्लभ है। लड़की की सफल सर्जरी हुई और सर्जरी में तीन घंटे लगे।