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मराठा आरक्षण पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की 5 सबसे बड़ी घोषणाएं; बुलढाणा में सबसे बड़ा बयान

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जालना में मराठा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की गूंज आज तीसरे दिन भी राज्य में गूंजती रही। इस घटना से विपक्ष ने सत्ताधारियों को सकते में डाल दिया है. पूरे राज्य में मराठा समुदाय सड़कों पर उतर आया है. इसलिए राज्य में तनावपूर्ण स्थिति है. इसी पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज 5 अहम घोषणाएं की हैं. ये घोषणाएं मराठा आरक्षण और आंदोलन से जुड़ी हैं. साथ ही विरोधियों के प्रेम में न पड़ें। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आरोप लगाया कि विपक्ष राजनीतिक घोंसला जलाने की कोशिश कर रहा है.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आज बुलढाणा में “सरकारी आपा दारी” कार्यक्रम में उपस्थित थे. इस मौके पर उन्होंने मराठा आरक्षण पर टिप्पणी की. मैंने तीन दिन पहले मनोज जारांगे को फोन किया था. आप किसका व्रत करते हैं? आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. मैंने उनसे कहा कि हम चर्चा करेंगे. लेकिन फिर भी हम प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का समर्थन नहीं करते, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वे भूख हड़ताल पर चले गए हैं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 5 अहम घोषणाएं कीं. हमने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के लिए जालना के पुलिस अधीक्षक को अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया है, डीवाईएसपी को जिले से बाहर जाने का आदेश दिया गया है, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) सक्सेना कल जालना आएंगे और दोषियों को निलंबित कर दिया जाएगा, एक न्यायिक भी मराठा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की घटना की नौबत आई तो जांच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की बड़ी घोषणाएं

उन्होंने यह भी घोषणा की है कि मराठा समुदाय को आरक्षण देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन्होंने यह भी कहा कि मराठा समुदाय न्याय के बिना शांत नहीं बैठेगा.

जालना में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी. मुझे भी इसका दुख है. हर किसी को उसका दुख है. वहां कुछ लोग आये. लोगों ने उन्हें उनकी जगहें दिखाईं. महाविकास अघाड़ी काल में यह आरक्षण सुप्रीम कोर्ट में चला गया और आलोचना करते हुए कहा कि मराठा आरक्षण का गला घोंटने वाले लोग वहां अपना गला काटने गए थे। अशोक चव्हाण, आप उप-समिति के अध्यक्ष थे, आपने क्या किया?, उन्होंने गुस्से में पूछा

मराठा समुदाय के मौन जुलूस निकल रहे थे. मार्च शांतिपूर्वक हो रहे थे. अनुशासित मार्च निकल रहे थे. लाखों की संख्या में ये मार्च थे. इस मौके पर एकनाथ शिंदे ने पूर्व मुख्यमंत्री का नाम लिए बिना उद्धव ठाकरे की आलोचना की जिन्होंने इस मार्च को ‘गूंगा मार्च’ बताया.

जब से मैं मुख्यमंत्री बना हूं, यही चल रहा है कि सरकार आज जायेगी, कल जायेगी. अब सभी ज्योतिषी बंद हो गए हैं। सरकार गिरी तो अजितदादा हमारे साथ आये. अब कहते हैं मुख्यमंत्री बदल देंगे. क्या मैंने तुम्हारे घोड़े को मार डाला? उन्होंने यह भी कहा कि जब तक जनता मेरे साथ नहीं है, कोई मुझे बच्चा नहीं बना सकता.

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