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सुप्रिया के खिलाफ कार्रवाई, शरद पवार को छूट; अजित पवार की नई चाल? राजनीतिक गलियारों में चर्चा

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सुप्रिया के खिलाफ कार्रवाई, शरद पवार को छूट; अजित पवार की नई चाल? राजनीतिक गलियारों में चर्चा

Sharad Pawar Exempted: एनसीपी कौन है इस पर फिलहाल चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट के बीच खींचतान चल रही है. अब संसद में एनसीपी के दोनों गुटों के बीच लोकसभा अध्यक्ष को लेकर तीसरी तकरार शुरू हो गई है. शरद पवार गुट ने अजित पवार गुट के सांसदों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया. इसके बाद अजित पवार गुट ने भी आक्रामक होकर लोकसभा अध्यक्ष से शरद पवार गुट के सांसदों के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई है. लेकिन जब लोकसभा अध्यक्ष से कार्रवाई का अनुरोध किया जाता है तो ठोस सबूत देना पड़ता है. उन साक्ष्यों को संवैधानिक संस्थाओं द्वारा समर्थित किये जाने की आवश्यकता है।

अजित पवार गुट ने लोकसभा अध्यक्ष के पास याचिका दायर कर शरद पवार गुट के कुछ सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. अजित पवार समूह की सदस्यता रद्द करने के शरद पवार के अनुरोध के पीछे 3 बिंदु हैं…

अजित पवार ने पार्टी के संविधान के खिलाफ काम किया है. अजित पवार ने किस तरह से संविधान के खिलाफ काम किया है, वह एनसीपी के घड़ी चुनाव चिन्ह पर चुने गए हैं और मतदाताओं ने शरद पवार और घड़ी चुनाव चिन्ह को देखकर वोट दिया है। इसलिए शरद पवार गुट ने अजित पवार पर पार्टी की आचार संहिता का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है.(Sharad Pawar Exempted)

तीसरी बात- अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस की मूल विचारधारा को छोड़कर विपक्षी विचारधारा वाली बीजेपी के साथ सत्ता में शामिल हो गए. इन तीन मुद्दों के आधार पर शरद पवार समूह ने अजित पवार के सांसद सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया है.

शरद पवार गुट के लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद अब अजित पवार गुट ने लोकसभा और राज्यसभा में शरद पवार गुट के सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इसमें मुख्य रूप से सुप्रिया सुले, श्रीनिवास पाटिल का नाम है. राज्यसभा सदस्य वंदना चव्हाण और फौजिया खान के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है.

शरद पवार गुट के सांसदों ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया. सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद सुप्रिया सुले, श्रीनिवास पाटिल और मोहम्मद फैजल ने इसे व्हिप नहीं माना.

दूसरी बात- शरद पवार गुट के सांसद पार्टी द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुए. पार्टी की किसी भी प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया.

तीसरा बिंदु- शरद पवार गुट ने एनसीपी विरोधी गतिविधियां कीं. उन्होंने पार्टी नेताओं के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए. पार्टी आचार संहिता का पालन नहीं किया गया. कुल मिलाकर पार्टी विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया गया. इसीलिए अजित पवार गुट ने सुप्रिया सुले, श्रीनिवास पाटिल और मोहम्मद फैसल के खिलाफ कार्रवाई करने की ठोस मांग की है.

अब अहम बात ये है कि अजित पवार गुट ने शरद पवार और अमोल कोल्हे को कार्रवाई से बाहर कर दिया है. इन दोनों को क्यों छोड़ दिया गया यह एक रहस्य है। बताया जाता है कि सांसद अमोल कोल्हे पहले शरद पवार के पक्ष में थे। इस संबंध में उन्होंने शपथ पत्र भी दिया है. लेकिन उन्होंने अजित पवार से मुलाकात की और उन्हें मना लिया. अब अमोल कोल्हे ने अजित पवार को समर्थन का हलफनामा दिया है. चुनाव आयोग में कौन सा हलफनामा वैध होगा यह अलग मुद्दा है. लेकिन अब अमोल कोल्हे के हलफनामे से लग रहा है कि चुनाव आयोग में अजित पवार गुट का पक्ष मजबूत हो गया है. अजित पवार के पास विधानसभा में 43 विधायक हैं. साथ ही लोकसभा में अजित पवार की ताकत अब बढ़ गई है क्योंकि दो सांसद उनके साथ आ गए हैं. इसीलिए अजित पवार गुट ने अमोल कोल्हे को कार्रवाई से बाहर कर दिया है.

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