फिलहाल एक तरफ जहां महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर (Loudspekar) को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। वहीं अब मुंबई की दुकानों पर लगे गैर मराठी बोर्ड के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम ने मराठी नेमप्लेट लगवाने की तैयारी शुरू कर दी है। मुंबई की करीब साढ़े चार लाख दुकानें नगर पालिका के रडार पर हैं। राज्य सरकार ने दुकानों पर बड़े अक्षरों में मराठी बोर्ड की नेमप्लेट अनिवार्य करने का फैसला किया है। जल्द ही इस फैसले पर अमल शुरू हो जाएगा।
दुकानों और प्रतिष्ठानों के नाम शुरू में मराठी भाषा, देवनागरी लिपि में लिखे जाने चाहिए। साथ ही अगर किसी अन्य भाषा में नाम लिखना भी है तो मराठी भाषा के अक्षर और नेमप्लेट उस भाषा की तुलना में बड़े और मोटे अक्षरों में होना चाहिए।
एक महीने पहले, नगर निगम ने मुंबई में दुकानों और प्रतिष्ठानों से नेमप्लेट को मराठी में बदलने की अपील करते हुए एक सर्कुलर जारी किया था।
पहले चरण में दुकानों का निरीक्षण किया जाएगा और दुकानदारों एवं प्रतिष्ठानों को मराठी नेमप्लेट अनिवार्य है, इस बारे में मार्गदर्शन दिया जाएगा। नगर निगम के आदेशों की अवहेलना करने पर दुकान एवं प्रतिष्ठान के खिलाफ अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। नेम प्लेट मराठी में नहीं होने पर नगर निगम कानून के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। नोटिस के बाद भी नेमप्लेट बदलने में विफलता के परिणामस्वरूप अदालत द्वारा दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
Reported By :- Rajesh Soni
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