औरंगाबाद – सिल्लोड कस्बे के सामाजिक कार्यकर्ता महेश शंकरपेली, उनके छोटे भाई गणेश शंकरपेली, शेख रफीक शेख रहीम और भाजपा के शहर अध्यक्ष कमलेश गोविंदराम कटारिया ने नगर परिषद सिल्लोड में सफाई कर्मचारियों को न्याय दिलाने के लिए 2021 में विरोध प्रदर्शन किया था।
इन सभी संबंधित लोगों पर नगर परिषद के पदाधिकारियों द्वारा धारा 353 व अन्य के खिलाफ नगर परिषद प्रकोष्ठ में विरोध करने पर मामला दर्ज किया गया था। एक ओर जब मामला दर्ज किया गया था और अदालत चल रही थी, तब तत्कालीन पुलिस निरीक्षक राजेंद्र बोकडे द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार, तहसीलदार सिल्लोद ने इन सभी संबंधित लोगों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 107, 109 के तहत कार्रवाई का प्रस्ताव रखा था।
इस कार्रवाई से संबंधित सभी कहानियों में आरोपी व्यथित थे और उन्होंने माननीय को यह कार्रवाई की। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय, औरंगाबाद में उनके वकील के माध्यम से चुनौती दी गई। मामले में संबंधित लोगों का पक्ष सुनने के बाद मा. न्यायालय ने तहसीलदार सिल्लोड द्वारा शुरू की गई कार्रवाई को अवैध बताते हुए निरस्त कर दिया। इससे सिल्लोड तहसीलदार को बड़ा झटका लगा है। वादी के माध्यम से न्यायालय में अधिवक्ता एम. ए लतीफ और उनके सहायक हरमेश एम. श्यामानाने ने काम देखा।
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