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आदित्य ठाकरे का बड़ा दावा, शिंदे गुट के 8 विधायक बगावत की तैयारी में

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Aditya Thackeray  : महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। सभी पार्टियां अपनी-अपनी चुनावी तैयारियों में जुटी हैं, और इस बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। इस राजनीतिक उथल-पुथल में अब शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता आदित्य ठाकरे ने एक बड़ा दावा किया है, जिससे राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है। आदित्य ठाकरे ने हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान बताया कि शिंदे गुट के आठ विधायक बगावत करने की तैयारी में हैं, जो आगामी चुनावों से पहले उनकी पार्टी से अलग हो सकते हैं।

आदित्य ठाकरे ने इस खुलासे को एक गंभीर राजनीतिक घटनाक्रम के रूप में पेश किया। उन्होंने एक प्रमुख अखबार से बातचीत में कहा कि जब वे विधानसभा चुनाव के लिए अपने नामांकन पत्र को भर रहे थे, तब शिंदे गुट के एक वरिष्ठ मंत्री का फोन आया। आदित्य के मुताबिक, उस मंत्री ने यह जानकारी दी कि शिंदे गुट के आठ विधायक असंतुष्ट हैं और वे बगावत करने का सोच रहे हैं। इस फोन कॉल ने शिवसेना (उद्धव गुट) को यह संकेत दिया कि शिंदे गुट में विद्रोह की लहर चल रही है, जो आगामी चुनावों में एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। (Aditya Thackeray)

आदित्य ठाकरे के इस बयान के बाद से राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है। शिंदे गुट के नेताओं ने इस आरोप को खारिज किया है और इसे सिर्फ राजनीति का एक हिस्सा बताया। वे इसे पूरी तरह से निराधार और मनगढ़ंत बताकर आदित्य ठाकरे की बयानबाजी को चुनावी रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं। हालांकि, आदित्य का यह खुलासा कई सवालों को जन्म देता है, खासकर उन विधायकों के बारे में जो शिंदे गुट से असंतुष्ट हैं और जिनका समर्थन अब शिवसेना (उद्धव गुट) के साथ हो सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर आदित्य ठाकरे का दावा सच साबित होता है, तो यह शिंदे गुट के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी के भीतर बगावत की स्थिति बनना सत्ताधारी गठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। इसके अलावा, यह आरोप यह भी दिखाता है कि महाराष्ट्र की राजनीति में अभी भी कई अप्रत्याशित घटनाएं घट सकती हैं, जो चुनाव के नतीजों को प्रभावित कर सकती हैं। (Aditya Thackeray)

वर्तमान में, राज्य में चुनावी प्रचार और पार्टी के भीतर अंदरूनी मतभेदों का दौर चल रहा है। ऐसे में आदित्य ठाकरे का यह बयान भाजपा और शिंदे गुट के लिए नई चुनौतियां उत्पन्न कर सकता है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और भी बयानबाजी हो सकती है, और राजनीतिक गतिविधियाँ और भी तेज हो सकती हैं।

 

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