उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)और एकनाथ शिंदे गुट की लड़ाई अब प्रदेश से सीधे दिल्ली पहुंच गई है। 40 विधायकों के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि सांसद भी बगावत की तैयारी कर रहे हैं। 20 जून को विधानपरिषद चुनाव के बाद राज्य में बड़ा राजनीतिक भूचाल आ गया।
सत्तारूढ़ शिवसेना के 40 विधायकों ने बगावत की और सत्ता से बाहर हो गए। जिससे शिवसेना को अपूरणीय क्षति हुई। हालांकि, अब इस बात की जोरदार चर्चा है कि शिवसेना के सांसद भी बगावत के रास्ते पर हैं।
लोकसभा में फिलहाल शिवसेना के 18 सांसद हैं। 2019 में बीजेपी से अलग होने के बाद लोकसभा में शिवसेना सांसदों ने हमेशा भाजपा का विरोध किया। हालांकि शिंदे गुट के टूटने और भाजपा के साथ सत्ता में आने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि शिवसेना के 10 से 12 सांसद एकनाथ शिंदे के संपर्क में हैं।
शिवसेना सांसदों में जहां नाराजगी की चर्चा है वहीं दक्षिण मध्य मुंबई से शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट देने को कहा है। शिवसेना पहले ही विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर चुकी है। हालांकि, कहा जाता है कि शिवसेना के 10 से 12 सांसदों ने भाजपा समर्थित एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के लिए समर्थन की मांग की थी। इसके अलावा कहा जाता है कि यह सांसद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के संपर्क में भी हैं।
कल्याण के सांसद और CM शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे शिंदे गुट में शामिल होने वाले पहले शिवसेना सांसद हैं। इसके अलावा रामटेक से राम कृपाल तुमाने, हिंगोली से हेमंत पाटिल, शिर्डी से सदाशिव लोखंडे, यवतमाल से भावना गवली, दक्षिण-मध्य मुंबई से राहुल शेवाले, बुलढाणा से प्रतापराव जाधव, पालघर से राजेंद्र गावित, नासिक से हेमंत गोडसे, श्रीरंग बार्ने ठाणे से और ठाणे से राजन विचारे भी शिंदे गुट में शामिल हो सकते हैं।
Reported By :- Rajesh Soni
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