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AjitPawar Faction: पुणे में अजित पवार गुट का दबदबा, 17 में से 10 नगराध्यक्ष पदों पर मिली जीत

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AjitPawar Faction: पुणे में अजित पवार गुट का दबदबा

पुणे जिले की स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं की हालिया चुनावी रिपोर्ट सामने आ गई है। इस बार के चुनावों में अजित पवार गुट ने शानदार जीत दर्ज की है, जिससे शरद पवार की राष्ट्रवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पुणे जिले में कुल 17 नगराध्यक्ष पदों के चुनाव हुए, जिनमें 10 पदों पर अजित पवार गुट के उम्मीदवार विजयी रहे। (AjitPawar Faction)

इस चुनाव परिणाम से स्पष्ट हुआ है कि पुणे उपमुख्यमंत्री अजित पवार का मजबूत गढ़ बना हुआ है। बाकी 7 नगराध्यक्ष पदों में से भाजपा और शिवसेना ने 4-4 नगराध्यक्ष चुने, जबकि भाजपा-राष्ट्रवादी गठबंधन का एक नगराध्यक्ष विजयी हुआ। इसके परिणामस्वरूप, शरद पवार की राष्ट्रवादी पार्टी का एक भी नगराध्यक्ष नहीं चुन पाया, जो उनके लिए बड़ी राजनीतिक हार है।

राज्य में स्थानिक स्वराज्य संस्थाओं की चुनावी प्रक्रिया में महायुति ने शानदार प्रदर्शन किया है। कुल मिलाकर 200 से अधिक नगर पंचायत और नगर परिषदों पर भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी पार्टी का दबदबा देखने को मिला है। ऐसे में पुणे का परिणाम राजनीतिक रूप से विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह अजित पवार का मुख्य क्षेत्र और उनका राजनीतिक बालेकिला माना जाता है।

विश्लेषकों का कहना है कि इस बार के चुनाव में अजित पवार गुट की रणनीति और स्थानीय स्तर पर मजबूत संगठन ने उन्हें निर्णायक बढ़त दिलाई। विपक्षी राष्ट्रवादी पार्टी को अपनी हार के कारण स्थानीय स्तर पर रणनीति बदलने और संगठन को मजबूत करने की जरूरत है।

पुणे जिले में हुए इन चुनावों ने यह भी दिखाया कि स्थानीय मुद्दों और उम्मीदवारों की लोकप्रियता का प्रभाव चुनाव परिणामों पर कितना महत्वपूर्ण होता है। अजित पवार गुट ने स्थानीय जनता की अपेक्षाओं और विकास योजनाओं के आधार पर अपनी छवि को मजबूत किया, जिससे उनका दबदबा बढ़ा।

इस चुनाव के नतीजों से यह भी साफ हो गया है कि भाजपा और शिवसेना की स्थानीय पकड़ अभी भी मजबूत है और गठबंधन के माध्यम से यह गुट महायुति के लिए महत्वपूर्ण वोट बैंक बना हुआ है। वहीं, राष्ट्रवादी पार्टी को पुणे जिले में अपनी राजनीतिक रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा। (AjitPawar Faction)

अजित पवार गुट की इस जीत ने राज्य में राजनीतिक परिदृश्य को भी प्रभावित किया है। आगामी स्थानीय और विधानसभा चुनावों में इस जीत को एक संकेत माना जा रहा है कि पार्टी का स्थानीय स्तर पर प्रभाव बढ़ रहा है और जनता के बीच उनकी स्वीकार्यता मजबूत है।

कुल मिलाकर, पुणे जिले में अजित पवार गुट का दबदबा और शरद पवार की राष्ट्रवादी पार्टी की हार इस बात का संकेत है कि स्थानीय राजनीति में अब नई धारा और गुटों का प्रभुत्व देखने को मिलेगा। (AjitPawar Faction)

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