AI surveillance: बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने सुरक्षा उपायों को आधुनिक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब, यदि आप बीएमसी की किसी इमारत में प्रवेश करते हैं, तो क्लोज-सर्किट टेलीविज़न (सीसीटीवी) कैमरे आपकी हर गतिविधि पर नज़र रखेंगे। बीएमसी ने चेहरे की पहचान, आगंतुकों की ट्रैकिंग और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अपनी इमारतों में एआई-संचालित निगरानी प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना के लिए 18.21 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।(AI surveillance)
अभी तक, बीवाईएल नायर, केईएम, सायन लोकमान्य तिलक और आरएन कूपर अस्पतालों में लगभग 150 एआई-आधारित सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जा चुके हैं। बीएमसी की योजना इन निगरानी उपायों को 28 प्रसूति गृहों और 16 परिधीय अस्पतालों तक विस्तारित करने की है। मुख्य सुरक्षा अधिकारी अजीत तावड़े ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के सफल परिणामों के बाद, इस प्रणाली को अन्य सार्वजनिक स्थलों जैसे वार्ड कार्यालयों, नगर निगम थिएटरों और स्विमिंग पूलों तक ले जाया जाएगा।(AI surveillance)
अगस्त 2024 में, सेंट्रल महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स ने सुरक्षा बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल की थी, जिसका कारण कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर की हत्या थी। इसके बाद बीएमसी ने अस्पतालों में एआई-आधारित कैमरे लगाने पर सहमति जताई। अधिकारियों का कहना है कि ये कैमरे न केवल व्यक्तियों की पहचान कर सकते हैं, बल्कि पहले से चिह्नित दुर्व्यवहारियों को भी ट्रैक कर सकते हैं, जिससे संभावित खतरों को समय रहते रोका जा सकता है।
यह सिस्टम अधिकारियों को अंधेरे क्षेत्रों की पहचान कर सचेत भी करता है, जिससे सुरक्षा दल तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं। इस उन्नत निगरानी से न केवल सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि मुंबई के नागरिकों को एक सुरक्षित सार्वजनिक वातावरण भी मिलेगा। बीएमसी का यह कदम मुंबई को एक स्मार्ट और सुरक्षित शहर बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल है। इससे नागरिकों को अधिक विश्वास और आरामदायक अनुभव मिलेगा, जिससे शहर के स्वास्थ्य और सार्वजनिक स्थलों की समग्र सुरक्षा में व्यापक सुधार होगा।
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