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Ashta Band आंदोलन: छत्रपति शिवाजी महाराज की रातों-रात हटाई गई मूर्ति, विवाद के बाद फिर से लगाई गई

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सांगली अष्टय (Sangli Ashtaya)में शिव प्रेमियों का आंदोलन सफल हो गया है। (अष्टबंध आंदोलन) छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगाने की अनुमति मिल गई है। (Maharashtra News in मराठी) उसके बाद बंद आंदोलन वापस ले लिया गया है। महाराज की प्रतिमा लगाने की अनुमति नहीं मिलने के कारण शिवप्रेमियों ने आष्टा व वालवा को बंद रखकर विरोध किया था, अंतत: यह विरोध सफल रहा है. छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को स्थानांतरित करने की अनुमति दे दी गई है। इस वजह से शिव प्रेमियों ने हर्षोल्लास के साथ बंद वापस ले लिया है.

सांगली जिले के आष्टा कस्बे में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा हटाए जाने के विरोध में आज आष्टा, वालवा बंद का आह्वान किया गया. आष्टा नगरी में शिव राय की मूर्ति को शिवप्रेमियों ने गुरिल्ला काव्य से स्थापित किया था। हालांकि प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति नहीं मिलने के कारण पुलिस ने रात में ही प्रतिमा को हटा दिया था। इसके बाद सांगली में जोरदार उलटफेर देखने को मिला।

हालांकि शिव प्रेमियों ने छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को हटाने का विरोध किया, लेकिन पुलिस ने मूर्ति और उसके परिसर पर धारा 144 लगा दी। साथ ही रात में लाइट बंद कर महाराज की प्रतिमा को हटाया गया। इसी को लेकर शिव भक्तों ने आज अष्ट के साथ ही वलवा बंद का आह्वान किया था। आष्टा क्षेत्र में पूरी तरह शांति रही। प्रतिमा स्थापना के दौरान पुलिस कहां थी, इसकी पूछताछ कर कार्रवाई किए जाने की संभावना है।

रात में पुलिस सुरक्षा में आष्टा नगरी में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा हटाए जाने पर शिव प्रेमी उग्र हो गए। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का गुरिल्ला काव्य से सम्मान किया गया। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास महाआरती करने की भी घोषणा की गई। हालांकि पुलिस ने कानून व्यवस्था को भंग होने से बचाने के लिए पुलिस के पुख्ता इंतजाम रखे थे. साथ ही धारा 144 लागू कर दी गई। इसको लेकर इलाके में तनाव व्याप्त हो गया।

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