कांदिवली : मुंबई में जागर जाहिर सभा का जबरदस्त प्रतिसाद मिल रहा है जिसको लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में खूब जोश देखने को मिल रहा है. जागर जाहिर सभा का आयोजन मुंबई कांदीवली पूर्व पोईसर इलाके के गॉवदेवी इलाके में की गई. यहां जागर सभा हजारों की संख्या में भाजपा कार्यक्रताओं ने भाग लिया. इस जागर अभियान में प्रमुखवक्ता मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार व सांसद गोपाल शेट्टी के साथ भाजपा विधायक व मनपा प्रभारी अतुल भातखलकर रहे।
जागर सभा के माध्यम से भाजपा नेता लगातार मुंबई मनपा में हुए भ्रष्टाचार और शिवसेना की पोलखोल करने का काम कर रहे है. पोईसर इलाके में जागर सभा मे स्थानीय विधायक अतुल भातखलकर ने जमकर महाविकास अघाड़ी सरकार और मनपा की पोल खोल की। जागर सभा मुंबई का कार्यक्रम मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार ने शुरू की तब से स्वाभाविक तौर पर लोग ज्यादा से ज्यादा इस सभा मे जुड़ रहे है।
अतुल जी ने बताया कि शिवसेना ने कभी मुंबईकर, कभी मुशलमानों का मशीहा बताकर 30 वर्षो से मनपा में मलाई खाने का काम किया है उनका पोल अब धीरे धीरे खुल रहा है, शिवसेना सत्ता में आने के बाद बीएड पास विद्यार्थियों को सिर्फ इस लिए मनपा में टीचर की नौकरी नही दी क्योंकि टीचर ने मराठी भाषा मे 10 वी पास किया था. मराठी मानुस के नाम पर वोट मांगने वाले शिवसेना के नेता व मराठी का ठेकेदार बताने वाले उद्धव ठाकरे ने मराठी स्कूल क्यों बंद किये?
मुंबई मनपा में भाजपा की सत्ता आने के बाद आने वाले दिनों में मूलभूत सुविधा से लेकर पक्की सड़क और अच्छे सुविधा देने का काम भाजपा का महापौर करेगा। मुंबई मनपा में जनमानस की सुविधा के लिए दिया गया पैसा आम जनता तक पहुचता नही है, विधायक अतुल भातखलकर ने जमकर पोल खोलते हुए बताया कि कोरोना कॉल के दौरान इस उत्तर मुंबई के पालक मंत्री आदित्य ठाकरे और शिवसेना के तात्कालिक मुख्यमंत्री कभी नही दिखे ,ढाई सालों में यह महाविकास अघाड़ी सरकार सिर्फ भ्रष्टाचार करने में मशगूल थी. इसके पास 80 हजार करोड़ का बजट है लेकिन गड्ढे के बिना कोई रास्ता नही दे सकते है।
इस मौके पर सांसद गोपाल शेट्टी ने बताया कि अगर मुंबई शहर का चेहरा बदलना है तो मुंबई में मनपा को अच्छा चलाना होगा उसके लिए भाजपा का महापौर लाना होगा। जागर सभा के मुख्यवक्ता आशीष शेलार ने शिवसेना पर जमकर आक्रामक दिखे। शेलार ने बताया कि भाजपा में सभी को न्याय और तुष्टिकरण किसी का भी नही।
शेलार ने बताया कि 22 अक्टूबर को जब दीवाली के माहौल में लोग मस्त थे तब उस समय शिवसेना का अख़बार सामना में एक कॉलम की न्यूज़ दी थी जिसमे लिखा था अब शिवसेना मराठी और मश्लिम के साथ चलेगी. इस खबर में कुछ खास बात तो कुछ नही था लेकिन ढाई साल में शिवसेना के मुख्य्मंत्री ने कुछ नही किया लेकिन अब शिवसेना जाति धर्म के नाम पर लोगो को बेवकूफ बनाने काम शुरू कर दिया है।
शेलार ने ऐसे कई उदाहरण जनता को दिए जिसमे बताया की शिवसेना पक्ष प्रमुख सिर्फ मराठी और मुशलमानों के नाम पर वोट साधने की कोशिश कर रही है. उद्धव जी मराठी और बिहारी के साथ क्यों नही है ?उत्तर भारतीय और मराठी के साथ क्यों नही है ?दक्षिण भारतीय और मराठी क्यों नही है ?शेलार ने एक सवाल उद्धव ठाकरे से पूछा है कि जब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ तो उद्धव ठाकरे ने इसका स्वागत क्यों नही किया ? बनारस में विश्वेशर भगवान भोलेनाथ के कोरिडोर का निर्माण किया गया तो उद्धव ठाकरे खुश क्यों नही हुए उनका स्वागत क्यों नही किये ? आखिर उद्धव जी की क्या मजबूरी है जो मुसलमानों के नाम पर वोट की राजनीति कर रहे है ! मुसलमानो को सिर्फ वोट के लिए फ़साना चाहते है?
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