मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। अब शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के संभावित गठबंधन की चर्चा अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। सूत्रों के अनुसार, ठाकरे गुट ने मनसे को 70 सीटें देने का प्रस्ताव तैयार किया है, जिससे बीएमसी चुनाव का पूरा समीकरण बदल सकता है। (BMC Alliance)
राज्य में 2 दिसंबर को 246 नगरपालिकाओं और 42 नगरपंचायती के चुनाव होने जा रहे हैं। 3 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। इसी चुनावी माहौल में बीएमसी की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। मुंबई में शिवसेना (उद्धव गुट) और मनसे के एक साथ आने की संभावना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। दोनों दल अगर एक साथ चुनाव लड़ते हैं, तो भाजपा और शिंदे गुट की शिवसेना के सामने बड़ी चुनौती खड़ी होने की संभावना जताई जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि गठबंधन को लेकर बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है और सीट बंटवारे पर भी लगभग सहमति बन गई है। ठाकरे गुट ने मनसे को 70 सीटों का प्रस्ताव दिया है। यह संख्या मुंबई के राजनीतिक परिदृश्य में मनसे की महत्त्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है, क्योंकि बीएमसी चुनाव में कुल 227 वार्ड हैं। मनसे को 70 सीटों का प्रस्ताव देना इस बात का संकेत है कि ठाकरे गुट मनसे की ताकत और इसके मराठी वोट बैंक को गंभीरता से ले रहा है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह गठबंधन होता है, तो मुंबई में मराठी मतों का ध्रुवीकरण एक ही तरफ हो सकता है, जिससे भाजपा–शिंदे गठबंधन को नुकसान हो सकता है। साथ ही, मनसे की स्थानीय स्तर पर पकड़ और उद्धव ठाकरे गुट की संगठनात्मक मजबूती का संयुक्त असर चुनावी मैदान में बड़ा बदलाव ला सकता है। (BMC Alliance)
इन राजनीतिक चर्चाओं के बीच, मनसे नेता अमित ठाकरे का बयान भी चर्चा में है। उन्होंने कहा है कि पार्टी सभी विकल्पों पर विचार कर रही है और मुंबई के मराठी manoos के हित को प्राथमिकता दी जाएगी। उनके इस बयान को राजनीतिक संकेत माना जा रहा है कि गठबंधन की राह लगभग साफ मानी जा रही है।
मुंबई की राजनीति में दोनों दलों का एक होना बड़ा “गेम चेंजर” माना जा रहा है। शिवसेना (ठाकरे गुट) और मनसे का संबंध भावनात्मक और राजनीतिक रूप से हमेशा चर्चा में रहा है। यदि दोनों दल फिर एक मंच पर आते हैं, तो यह शिवसेना के पारंपरिक वोट बैंक को मजबूती देगा और भाजपा के गणित में खलल डाल सकता है।
कुल मिलाकर, बीएमसी चुनाव से पहले इस संभावित गठबंधन ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। अब सभी की निगाहें इस पर हैं कि क्या यह गठबंधन आधिकारिक रूप से घोषित होगा और यदि हां, तो इसका मुंबई के चुनावी समीकरण पर कितना प्रभाव पड़ेगा। (BMC Alliance)
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