BMC Monsoon : बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने मानसून के दौरान जलभराव की समस्या से निपटने के लिए इस साल मोबाइल डीवाटरिंग पंप लगाने का फैसला किया है। इन पंपों को जियोटैग किया जाएगा, ताकि उनका दुरुपयोग रोका जा सके और वे जलभराव वाले इलाकों में सही तरीके से काम कर सकें। ( BMC Monsoon)
बीएमसी ने 2005 की बाढ़ के बाद सड़कों से पानी निकालने के लिए स्थायी डिवाटरिंग पंपों का इस्तेमाल शुरू किया था। हालांकि, कई बार देखा गया कि जहां पंप लगाए गए थे, वहां पानी की मात्रा कम थी, जबकि अन्य इलाकों में जलभराव की समस्या बनी रही। इसे देखते हुए अब बीएमसी ने वाहन पर लगे डीवाटरिंग पंपों का उपयोग करने का निर्णय लिया है, ताकि जरूरत पड़ने पर इन्हें प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से पहुंचाया जा सके।
शुक्रवार को नगर निगम मुख्यालय में आयोजित जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में बीएमसी प्रमुख भूषण गगरानी ने इस योजना पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस नई व्यवस्था से जलभराव की समस्या से बेहतर तरीके से निपटा जा सकेगा और यातायात बाधित होने से बचाया जा सकेगा। ( BMC Monsoon)
बीएमसी का मानना है कि जियोटैगिंग से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि पंपों का सही जगह और सही समय पर इस्तेमाल हो। इस पहल से मानसून के दौरान मुंबई के नागरिकों को जलभराव की समस्या से राहत मिलने की उम्मीद है।
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