रंग दे बसंती (Color De Basanti)फिल्म से अभिनेता अतुल कुलकर्णी और आमिर खान की दोस्ती शुरू हुई थी। दोस्त के लिए अतुल ने लाल सिंह चड्ढा फिल्म लिख दी।11 अगस्त को फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
फिल्म देखते वक्त मेरे सामने कुछ फ्लैशेस आ गए कि अगर यह किरदार हिंदुस्तान में होता और यहां पर अपनी जिंदगी जी रहा होता तो क्या-क्या होता। मैंने नोट्स लिखने शुरू कर दिए। एक-दो घंटे बाद मुझे लगा कि क्यों न मैं इस स्क्रिप्ट को लिखना शुरू कर दूं। देखते हैं कहां तक जाता हूं। मैंने लिखना शुरू कर दिया। 10 दिन में स्क्रिप्ट तैयार हो गई। दो-तीन में फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया। बातों-बातों में बात शुरू हुई थी, तब कोई इरादा नहीं था कि ऐसी कोई फिल्म लिखूंगा। स्क्रिप्ट पूरी होने तक मुझे भी अंदाजा नहीं था कि मैंने स्क्रिप्ट लिख पाऊंगा।
इस तरह का सवाल न कभी दिमाग में था, न हो सकता था। यह फिल्म अगर आमिर नहीं करते, तो यह फिल्म नहीं बनती। मैंने यह स्क्रिप्ट अपने दोस्त आमिर के लिए ही लिखी थी। अगर आमिर मेरे दोस्त न भी होते, तो भी इस तरह की फिल्म में वही काम कर सकते थे। सही इंसान के हाथों में स्क्रिप्ट आई।
वह बताना उचित नहीं होगा, क्योंकि कहानी उसी से जुड़ी है। यह कहानी कहीं की भी कहानी हो सकती थी। हमारे देश की कहानी है, जिसमें हर तरह के लोग बसते हैं। इस अनोखे देश से कोई भी किरदार कहीं से भी हो सकता था। फिल्म देखने पर पता चलेगा कि नाम लाल सिंह चड्ढा क्यों है।
नहीं, जब मैंने फिल्म को बनाने के बारे में सोचा था, तब मैंने वह उपन्यास नहीं पढ़ा था। लेकिन मैंने जो स्क्रिप्ट लिखी है, वह पूरा फॉरेस्ट गम्प फिल्म के स्क्रीनप्ले के आधार पर लिखा है। लेकिन तरीका नया है लिखने का, भारतीय दर्शकों के मुताबिक लिखा गया है, जिसे पांच साल के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक देख सकते हैं। हमारे खूबसूरत देश की कहानी है, पारिवारिक फिल्म है। इसका भाषांतरण नहीं हो सकता था, रुपांतरण ही हुआ है। वह उपन्यास मैंने पढ़ा जरूर था, लेकिन स्क्रिप्ट लिखने के बाद। ओरिजनल स्क्रीनप्ले जो था, वही परफेक्ट था।
Reported By :- Nitesh Thakur
Also Read :- https://metromumbailive.com/akshay-kumar-said-on-the-respect-of-income-tax-department/