महाराष्ट्र (Maharashtra)में देर से हुई बारिश ने पूरे राज्य में जीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है। भारी बारिश के चलते राज्य में कई जगह बाढ़ जैसी स्थिति है। राज्य की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ जैसी स्थिति से बहुत लोग परेशान हैं। सतारा जिले में छात्रों को स्कूल जाने के लिए बाढ़ के पानी से रास्ता निकालकर जाना पड़ रहा है। हाई कोर्ट ने बच्चों के इस साहस की तारीफ की है। वहीं सरकार के कामकाज को लेकर हाई कोर्ट ने जोरदार फटकार लगाई है। न्यायमूर्ति प्रसन्न वारले ने शिंदे सरकार को खरी खोटी सुनाई है।
उन्होंने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गांव में दो हेलीपैड हैं। लेकिन यह एक त्रासदी है कि गांव में लड़कियों के स्कूल जाने के लिए उचित सड़कें नहीं हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने शिंदे सरकार को स्थायी उपाय करने के लिए भी कहा ताकि लड़कियों को बिना किसी कठिनाई के शिक्षा मिल सके।
सतारा जिले के जवाली तालुका के खिरवंडी गांव की लड़कियों को स्कूल जाने के लिए हर दिन जंगलों और बांधों को पार करना पड़ता है। जो लड़कियां अभी पढ़ रही हैं, वो नाव से स्कूल जाती हैं। उसके बाद लड़कियों को जंगल से होते हुए साढ़े चार किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।
इसके बाद लड़कियों का स्कूल आता है। उच्च न्यायालय ने इस खबर को गंभीरता से लिया। जिसको लेकर आज मामले की सुनवाई की। हम इस बात के खिलाफ नहीं हैं कि मुख्यमंत्री के गांव में दो हेलीपैड हैं। लेकिन अदालत ने स्पष्ट किया कि स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए शुरुआती उपायों की योजना बनानी चाहिए। ऐसा कोर्ट ने स्पष्ट किया है।
Reported by ;- Rajesh Soni
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