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शिंदे सरकार की ही जांच हो सीबीआई; उद्धव ठाकरे की सबसे बड़ी मांग

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शिंदे सरकार की ही जांच हो सीबीआई; उद्धव ठाकरे की सबसे बड़ी मांग

CBI: दवाएं बाहर से लाने को कहा जा रहा है। प्रधानमंत्री योजना, महात्मा फुले योजना से दवाएँ क्यों नहीं उपलब्ध करायी जातीं? मुख्यमंत्री सहायता कोष की सहायता किसे मिलती है? इसकी जांच करें. यह मदद कहां जाती है? क्या बिल असली हैं?

डेड, संभाजीनगर और नागपुर के अस्पतालों में मरीजों की मौत से हंगामा मच गया है. विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है. इस मुद्दे पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी सीधे तौर पर राज्य सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है. हमने कोरोना के संकट में भी लोगों की जान बचाई। लेकिन, इस सरकार में स्वास्थ्य की पौ बारह हो गयी है उद्धव ठाकरे ने मांग की है कि राज्य सरकार की सीबीआई से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, साथ ही उन्होंने कहा है कि राज्य में बिना किसी के समर्थन के भ्रष्टाचार आ गया है.(CBI)

उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये मांग की. आज कोई सहारा नहीं है. वहां सिर्फ भ्रष्टाचार है. स्वास्थ्य विभाग में रेट कार्ड का निर्धारण किया जा रहा है. टेंडर प्रक्रिया बंद हो चुकी है. यदि बिना टेंडर प्रक्रिया के दवा की खरीद की गयी तो यह भ्रष्टाचार की बात कैसे हो सकती है? आप भ्रष्टाचार का दरवाजा खोलते हैं. आज जहां दवा की खरीदारी नहीं होती, वहां दवा नहीं पहुंची है. क्या वहां कोई दलाल है? उद्धव ठाकरे ने मांग की कि उनकी जांच सीबीआई से कराई जाए.

हमारी सरकार में केकड़ों ने बांध तोड़ दिया. क्या आज केकड़े प्रभारी हो गए हैं? क्या वे बांध तोड़कर भ्रष्टाचार का पानी अपने खेतों की ओर मोड़ रहे हैं? गोरेगांव में सुबह-सुबह आग लग गई. सहायता की घोषणा की गई. मदद करनी चाहिए. लेकिन क्या इससे मदद मिलती है? क्या मरने वालों की जान वापस लाई जा सकती है? गोवा जाकर टेबल पर डांस करने के लिए पैसे हैं. लेकिन मरीजों के लिए पैसे नहीं हैं. उद्धव ठाकरे ने इस सरकार की सीबीआई से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की.(CBI)

कुछ लोगों पर आरोप लगाए गए. उनके लिए पूछताछ का स्वांग रचा गया. उन्हें जकड़ लिया. वह जांच को विपक्ष के पीछे रखकर अपने नेताओं को खुली छूट देना चाहते थे। उन्होंने आलोचना भी की कि यह ठीक नहीं है.

हमारी सरकार के दौरान भी कुछ रिक्तियां थीं. लेकिन उन्होंने मरीजों को गिरने नहीं दिया. पिछले चार-पांच दिनों में जिन लोगों की मौत हुई, उनके पीछे लगातार छुट्टियां हैं वजह? लगातार छुट्टियाँ होने पर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाती है। इन छुट्टियों के दौरान छुट्टियों की व्यवस्था की जानी चाहिए। क्या ये कर्तव्य लगाये गये थे? इसकी जांच होनी चाहिए. बिना टेंडर के दवा की खरीदारी भ्रष्टाचार को निमंत्रण है. क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले मोदी को यह स्वीकार्य है? उन्होंने ये सवाल भी पूछा.

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