सैन्य क्षमता (military capability)के साथ-साथ चीन अपने परमाणु हथियारों की संख्या में तेजी से इजाफा कर रहा है। यह क्षमता ऐसी होगी कि कोई भी देश चीन से युद्ध करने के लिए सौ बार सोचेगा। इस बीच, पेंटागन की नवीनतम रिपोर्ट से पता चलता है कि चीन अपनी परमाणु और मिसाइल क्षमताओं को दोगुना कर रहा है। 2035 तक, चीन के पास लगभग 1,500 परमाणु हथियार होने की संभावना है। चीन के पास फिलहाल करीब 400 परमाणु हथियार हैं।
पेंटागन की एक रिपोर्ट ने चीन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। जिसमें कहा गया है कि चीन तेजी से परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 12 सालों में चीन के पास 1,500 से ज्यादा परमाणु हथियार होंगे। पेंटागन संयुक्त राज्य अमेरिका का रक्षा विभाग है, जिसके तहत यह राष्ट्रीय सुरक्षा को छोड़कर सभी विश्व मामलों की बारीकी से निगरानी करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपनी परमाणु और मिसाइल क्षमता को दोगुना कर रहा है।
पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीन लगातार अमेरिका के लिए चुनौती बनता जा रहा है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अमेरिका को दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति के तौर पर चुनौती देना चाहता है। यही वजह है कि चीन अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है। अमेरिकी कांग्रेस को अपनी वार्षिक रिपोर्ट में, पेंटागन समिति ने कहा कि बीजिंग का लक्ष्य आने वाले वर्षों में अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण और विस्तार करना है। अमेरिका के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी की ओर से कहा गया कि चीन लगातार कह रहा है कि उसके पास परमाणु हथियार हैं।
भारत और चीन के बीच संबंध 1962 से ही कटु रहे हैं। इसलिए एशिया में दुनिया की दो महाशक्तियों के बीच सीधे युद्ध की आशंका है। हालांकि युद्ध जैसी स्थिति नहीं है, लेकिन भारत और चीन की सेनाएं कई मुद्दों पर एक-दूसरे का सामना कर रही हैं। हाल ही में दोनों देशों के बीच गलवान मुद्दे को लेकर जमकर तनातनी हुई थी। ऐसी ही स्थिति कई जगहों पर है। चीन की वजह से ही भारत को लद्दाख में अपनी सैन्य स्थिति मजबूत करनी पड़ रही है।
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