डोंबिवली में 65 अवैध इमारतों को गिराने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद, इन इमारतों में रहने वाले लगभग 6,500 परिवार बेघर होने के कगार पर हैं। निवासियों का दावा है कि उन्होंने वैध दस्तावेजों और रेरा प्रमाणपत्रों के आधार पर ये मकान खरीदे थे, लेकिन अब उन्हें अवैध घोषित किया जा रहा है।
इस बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर निवासियों को आश्वासन दिया है कि सरकार उनकी समस्याओं का समाधान खोजने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे निवासियों के हितों की रक्षा करते हुए उचित कार्रवाई करें। फडणवीस ने यह भी कहा है कि दोषी बिल्डरों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
डोंबिवली में 65 अवैध इमारतों का मामला तब सामने आया जब बिल्डरों ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (महारेरा) से पंजीकरण प्राप्त किया और इन इमारतों को वैध बताकर बेचा। इन इमारतों में लगभग 6,500 परिवार रहते हैं, जिन्होंने वैध दस्तावेजों और बैंकों से ऋण लेकर अपने घर खरीदे थे। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कल्याण-डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) को इन 65 अवैध इमारतों को तीन महीने के भीतर ध्वस्त करने का आदेश दिया है।
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