Maratha Reservation Meeting: मराठा आरक्षण पर आज सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई है. इस बैठक में सभी दलों को आमंत्रित किया गया है. ऐसी जानकारी सरकार की ओर से भी दी गई है. हालांकि, अब इस मुलाकात से विवाद की चिंगारी की तस्वीर सामने आ रही है. विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने एक बड़ा गुप्त विस्फोट कर सनसनी फैला दी है. दानवे ने सरकार पर मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया है. इससे सरकार दुविधा में पड़ सकती है.
जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे तो 60 संगठनों को चर्चा के लिए बुलाया गया था. लेकिन हमारा मानना है कि इस सरकार ने अपनी हृदयहीनता का परिचय दिया है. एक तरफ राज्य के मुख्यमंत्री दिल्ली जाते हैं, दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री कोल्हापुर जाते हैं और दही फोड़ते हैं. लेकिन भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे पाटिल का उनसे मिलने का मन नहीं हुआ, उनके पास समय नहीं है. वे इन बैठकों का आयोजन कर राजनीति करते हैं.’ कई गांवों में कई युवा भूख हड़ताल पर बैठे हैं. 300 लोग घायल हुए हैं. उन्होंने यह भी आलोचना की कि इसे देखने का समय नहीं है.(Maratha Reservation Meeting)
एक व्यक्ति अनशन पर बैठता है तो पता नहीं चलता कि कोई सरकारी प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है या नहीं। कोई भी मंत्री सरकार के रूप में नहीं बदला। किसी के भी हाथ से लिफाफा भेज देता है. उन्होंने कहा कि उन्हें आंदोलन की जानकारी नहीं है, हम साथ बैठेंगे और अपना रुख स्पष्ट करेंगे. अगर सरकार मराठों को आरक्षण देगी तो सौभाग्य. उन्होंने यह भी कहा कि यह शिवसेना का रुख है कि ओबीसी आरक्षण प्रभावित नहीं होना चाहिए.
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