महाराष्ट्र में कोरोना (Corona) मामलों के बीच राजनीति भी लगातार गरमाती जा रही है। राज्य के मुख्य विपक्षी दल भाजपा के नेता उद्धव सरकार को घेरने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। उद्धव (Uddhav Thackeray) सरकार ने कोरोना (Corona) संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य भर में 15 दिनों के लिए लॉकडाउन जैसा कर्फ्यू लगाया है। इसी बीच विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कल यानी बुधवार को महाविकास आघाड़ी सरकार पर निशाना साधता हुए कहा कि, ‘उद्धव सरकार ने केंद्र की योजनाओं को कुछ बदलाव के साथ कोरोना (Corona) महामारी से ग्रस्त लोगों के लिए खास कदम के तहत पेश कर रही है।
नागपुर में मीडिया से बात करते हुए फड़णवीस ने उद्धव सरकार पर आरोप लगाया कि, ‘सीएम ठाकरे ने जो एलान किया है, वह छलावा है। क्योंकि केंद्र की योजनाओं को ही बदलकर पेश किया जा रहा है। और राज्य सरकार इसे अपना बता रही है।
उन्होंने आगे कहा कि, ‘कड़ी पाबंदियों से राज्य की बड़ी आबादी सीधे प्रभावित होगी। लेकिन सरकार ऐसे लोगों को आर्थिक मदद नहीं देगी। फड़णवीस के मुताबिक, 2011 के गलत सर्वेक्षण के कारण महाराष्ट्र के 88 लाख लोग फ़ूड सिक्युरिटी के दायरे से बाहर हैं। ऐसे लोगों के लिए सीएम ने किसी प्रकार की आर्थिक सहायता प्रदान नहीं की है।
बता दें कि, सीएम ठाकरे ने मंगलवार को कोरोना वायरस को तेजी से फैलने से रोकने के लिए राज्य भर में कड़े पाबंदियों को लागू करने का आदेश दिया था। सीएम ने सड़क के दुकानदारों, आधिकारिक निर्माण मजदूरों और लाइसेंस प्राप्त ऑटो रिक्शा ड्राइवरों के लिए 5 हजार 476 करोड़ रुपयों के पैकेज की भी घोषणा की थी। इस घोषणा का सरकार के सभी मंत्रियों ने स्वागत किया था। वहीं देवेंद्र फडणवीस इसे सरकार का छलावा बता रहे हैं।
फड़णवीस ने सीएम ठाकरे पर आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘मुख्यमंत्री ने आधिकारिक सड़क पर धंधा लगाने वाले को आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। इसका लाभ केवल ठाणे और मुम्बई जैसे महानगरों के रेडी-पटरी वालों को होगा। क्योंकि ठाणे और मुम्बई में ही रजिस्टर्ड हॉकर्स है। ठाणे और मुम्बई के बाहर के सड़क के दुकानदारों को सरकार मान्यता नहीं देती है। फड़णवीस के अनुसार, ठाकरे सरकार जमीनी स्थिति से परिचित नहीं है।
Report By : Rajesh Soni
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