मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी पर जोरदार राजनीतिक हमला बोला है। फडणवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे की राजनीति अब पूरी तरह सत्ता-केंद्रित हो चुकी है और हालिया राजनीतिक गठबंधनों ने उनकी पार्टी का “असली चेहरा और चरित्र” जनता के सामने रख दिया है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि सिर्फ सत्ता हासिल करने के लिए किए गए ऐसे समझौतों का जवाब जनता आगामी चुनावों में जरूर देगी। (Devendra Fadanvis on Uddhav Thackeray)
देवेंद्र फडणवीस शुक्रवार को मुंबई स्थित गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर दरबार में वीर बाल दिवस के अवसर पर दर्शन के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी पर निशाना साधा। वीर बाल दिवस सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों के साहस, बलिदान और देशभक्ति को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस मौके पर फडणवीस ने सिख गुरुओं के त्याग और देश की एकता व अखंडता के लिए उनके योगदान की सराहना भी की।
मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ ही दिन पहले शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने आगामी नगर निकाय चुनावों से पहले गठबंधन की औपचारिक घोषणा की है। इस गठबंधन के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है और सत्ताधारी दलों के साथ-साथ विपक्षी खेमे से भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
फडणवीस ने मीडिया से बातचीत में कहा, “उद्धव ठाकरे और उनकी सेना ‘यूबीटी’ ने सत्ता की लालच में राज्य किसके हाथों में सौंपा, यह महाराष्ट्र की जनता अच्छी तरह जानती है। सत्ता पाने के लिए वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। यही वजह है कि आज उनका असली चेहरा और चरित्र सबके सामने आ गया है।” उन्होंने कहा कि जनता अब सब कुछ समझ रही है और समय आने पर लोकतांत्रिक तरीके से जवाब देगी।
मुख्यमंत्री ने आगे आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए ऐसे लोगों और ताकतों के साथ गठबंधन कर रहे हैं जिनकी विचारधारा राष्ट्रविरोधी, धर्मविरोधी और मानवता विरोधी रही है। फडणवीस ने कहा, “अगर केवल वोटों की तुष्टिकरण के लिए ऐसे लोगों के साथ हाथ मिलाया जाता है, तो महाराष्ट्र की जागरूक जनता उन्हें करारा जवाब जरूर देगी।”
देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी और महायुति की राजनीति विकास, सुशासन और राष्ट्रहित पर आधारित है, जबकि विपक्ष केवल सत्ता के लिए समझौते कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि आने वाले नगर निकाय और अन्य चुनावों में जनता विकास की राजनीति और अवसरवादी राजनीति के बीच साफ अंतर करेगी।
वीर बाल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों का बलिदान देश के लिए एक महान प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि कम उम्र में भी साहिबजादों ने धर्म, देश और मानवता की रक्षा के लिए जो साहस दिखाया, वह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। फडणवीस ने कहा कि सिख गुरुओं और समाज ने देश की आजादी और उसकी एकता के लिए हमेशा अहम भूमिका निभाई है।
उधर, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच हुए गठबंधन को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है। समर्थक इसे मराठी राजनीति को मजबूत करने वाला कदम बता रहे हैं, वहीं विरोधी इसे सत्ता की मजबूरी और अवसरवाद करार दे रहे हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि यह गठबंधन वैचारिक नहीं बल्कि केवल चुनावी फायदे के लिए किया गया है। (Devendra Fadanvis on Uddhav Thackeray)
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि फडणवीस के इस बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में तल्खी और बढ़ सकती है। आगामी नगर निकाय चुनावों से पहले सियासी बयानबाजी तेज होने के संकेत साफ दिख रहे हैं। दोनों ही पक्ष एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं और जनता के बीच अपनी-अपनी राजनीतिक लाइन मजबूत करने की कोशिश में जुटे हैं।
अब देखना यह होगा कि उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी इन आरोपों का किस तरह जवाब देती है और यह सियासी घमासान चुनावी नतीजों को किस हद तक प्रभावित करता है। फिलहाल इतना तय है कि महाराष्ट्र की राजनीति में आने वाले दिनों में आरोप-प्रत्यारोप और भी तेज होने वाले हैं, और जनता की नजरें इस पूरे घटनाक्रम पर टिकी हुई हैं। (Devendra Fadanvis on Uddhav Thackeray)
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