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जामनगर और देवभूमिका द्वारका जिलों में भूमि सर्वेक्षण दोषों के सुधार पर चर्चा

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सरकार द्वारा पूर्व में कराए गए भूमि सर्वेक्षण में कई खामियां पाए जाने और किसानों से आवेदन आमंत्रित किए जाने के बाद भूमि सर्वेक्षण दोष सुधार कार्यक्रम शुरू किया गया था। जिसके बाद आज की कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया है कि जामनगर और देवभूमिका द्वारका जिलों में भूमि सर्वेक्षण दोषों के सुधार के लिए पायलट परियोजना को प्राथमिकता के आधार पर चलाया जाएगा।

राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कैबिनेट ब्रीफिंग में बताया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में जामनगर और देवभूमि द्वारका में पुन:सर्वे प्रख्यापन के बाद पुन:सर्वेक्षण प्रख्यापन के आवेदन के शीघ्र निस्तारण के संबंध में पुनर्सर्वेक्षण प्रख्यापन के बाद प्रायोगिक परियोजना के रूप में जिलों में सरकार को आपत्तियों के निस्तारण हेतु आवेदन प्राप्त हुए। इन आवेदनों के अनुसार, राज्य सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर क्षति सुधार कार्य करने का निर्णय लिया है। अगले चरण में अन्य जिलों में भी यह भूमि सर्वेक्षण दोष सुधार कार्यक्रम बहुत तेजी से चलाया जाएगा।

वर्ष 2022 में तत्कालीन राजस्व मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी और कृषि मंत्री राघवजी पटेल की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई थी। इस बैठक में राजस्व विभाग के उच्चाधिकारियों से भूमि पुनर्सर्वेक्षण के प्रदर्शन में कमियों के संबंध में कृषकों द्वारा उठाई गई शिकायतों तथा इस संबंध में कृषकों को किस प्रकार की राहत दी जा सकती है, इस संबंध में चर्चा की गई। भी समीक्षा की गई। बैठक में पदाधिकारियों एवं पदाधिकारियों के बीच हुई चर्चा के बाद भूमि पुनर्सर्वेक्षण को लेकर जिन किसानों को आपत्ति है, उनके आवेदन की अवधि बढ़ाने की घोषणा की गयी। जिसमें घोषणा की गई कि आपत्ति आवेदन दिसंबर 2022 तक किए जा सकेंगे। अब जब समय सीमा समाप्त हो गई है तो सरकार भूमि सर्वेक्षण दोष सुधार कार्य को शीघ्र पूरा करने के प्रयास करेगी।

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