मुंबई, 14 दिसंबर 2025 – महाराष्ट्र के शिक्षण विभाग ने मुंबई में दो स्कूलों की मान्यता रद्द करने का बड़ा फैसला लिया है। यह कार्रवाई उन स्कूलों द्वारा मुफ्त शिक्षा कानून का उल्लंघन करने के मामलों में की गई है। अधिकारियों के अनुसार, स्कूलों ने नियमों का पालन नहीं किया और बच्चों से शुल्क वसूली की, जो कि सरकारी निर्देशों के खिलाफ है। (Education Department)
शिक्षा विभाग ने श्रीमती मनरादेवी एज्युकेशन संस्था, आझादवाडी, दामू नगर, कांदिवली पूर्व, मुंबई और हनुमंत विद्यामंदिर शाळा, कावरपाडा, सातीवली पूर्व, केंद्र वालीव, तालुका वसई, जिल्हा पालघर के स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है। दोनों स्कूलों में अंग्रेजी और हिंदी माध्यम में पढ़ाई होती थी।
शिक्षण विभाग के अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि इन स्कूलों ने कानूनी रूप से मुफ्त शिक्षा देने की शर्तों का पालन नहीं किया। विभाग ने कहा कि नियमों के अनुसार 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को बिना किसी शुल्क के शिक्षा दी जानी चाहिए, लेकिन इन स्कूलों ने शुल्क वसूल किया और गैरकानूनी तरीकों से अतिरिक्त शुल्क भी लिया।
अधिकारियों के अनुसार, शिक्षा विभाग ने कई शिकायतों की जांच की और स्कूलों के दस्तावेजों का निरीक्षण किया। जांच में यह पाया गया कि बच्चों के दाखिले, फीस की वसूली और सरकारी अनुदान के उपयोग में गंभीर गड़बड़ी थी। इसके बाद विभाग ने कानूनी कार्रवाई करते हुए स्कूलों की मान्यता तुरंत रद्द करने का निर्णय लिया।
इस फैसले के बाद विभाग ने स्कूलों के प्रबंधन को नोटिस जारी किया और कहा कि यदि भविष्य में ऐसे उल्लंघन पाए गए तो और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे। विभाग ने स्पष्ट किया कि मुफ्त शिक्षा कानून का पालन हर स्कूल के लिए अनिवार्य है, और बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता।
शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई जरूरी है ताकि सरकारी नियमों का पालन सुनिश्चित हो और गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को उनकी शिक्षा का अधिकार सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन को नियमों का पालन करना अनिवार्य है और उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई से दूसरों को भी चेतावनी मिलेगी।
स्थानीय माता-पिता और अभिभावक इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं। उनका कहना है कि कई स्कूलों में बच्चों से अनधिकृत शुल्क लिया जाता है, जिससे गरीब परिवारों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उनका कहना है कि शिक्षा विभाग की यह कार्रवाई बच्चों के अधिकार और शिक्षा के公平 अवसर को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
विभाग ने आगे कहा कि स्कूलों की मान्यता रद्द होने के बाद, बच्चों के दाखिले अन्य वैध और मान्यता प्राप्त स्कूलों में सुरक्षित तरीके से किए जाएंगे, ताकि उनकी पढ़ाई में कोई बाधा न आए।
इस कार्रवाई के बाद शिक्षा विभाग ने पूरे मुंबई और आसपास के क्षेत्रों के स्कूलों को चेतावनी दी है कि वे मुफ्त शिक्षा कानून का पालन करें और बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन न करें। (Education Department)
शिक्षा विभाग का यह कदम शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। (Education Department)
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