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मनोज जारांगे को मनाने की कोशिशें जारी, सरकारी प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात

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Manoj Jarange Patil: लोनावला में मनोज जारांगे की मनोधरनी कोशिशें अब शुरू हो गई हैं. मनोज जारांगे से चर्चा के लिए सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल वहां पहुंचा है और वे बंद कमरे में चर्चा करने वाले हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जरांगे से ऑनलाइन बातचीत की संभावना है.

मराठा समुदाय के लिए आरक्षण पर जोर देने वाले मनोज जारांगे पाटिल समेत हजारों प्रदर्शनकारी मुंबई की ओर मार्च कर रहे हैं. पुणे में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिलने के बाद मनोज जारांगे समेत कई प्रदर्शनकारी नवी मुंबई के लिए रवाना हो गए और फिलहाल लोनावला में हैं. कल वे मुंबई में हड़ताल करेंगे और अपना आंदोलन शुरू करेंगे. लेकिन सरकार की कोशिश है कि मराठाओं के इस तूफ़ान को मुंबई में आने से पहले ही रोक दिया जाए.

लोनावला में मनोज जारांगे की मनोधरनी कोशिशें अब शुरू हो गई हैं. मनोज जारांगे से चर्चा के लिए सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल वहां पहुंचा है और वे बंद कमरे में चर्चा करने वाले हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जरांगे से ऑनलाइन बातचीत की संभावना है.

सरकारी प्रतिनिधिमंडल ने दौरा किया

संभाजीनगर संभागीय आयुक्त पिछले एक घंटे से मनोज जारांगे के साथ चर्चा कर रहे हैं। प्रमंडलीय आयुक्त मधुकर अरदाद मनोज जारांगे को समझाने की कोशिश कर रहे हैं. कलेक्टर भी उनके साथ हैं. मनोज जारांगे का मार्च अभी भी लोनावला में है. आज जारांगे पाटिल का मार्च नवी मुंबई में निकलने वाला था, लेकिन वह अभी भी लोनावला में ही रुके हुए हैं. वहीं प्रशासन उन्हें मनाने की कोशिश में जुट गया है.

कुछ लोगों ने आशंका जताई थी कि अगर यह मार्च मुंबई आया तो कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है. इसलिए सरकार मनोज जारांगे के मार्च को रोकने की कोशिश कर रही है. इसके लिए एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल आगे आया है और उन्होंने लोनावाला में ही जारांगे से मुलाकात की है। जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद जारांगे पाटिल से ऑनलाइन संवाद करेंगे. सरकार ने यह रुख अपनाया है कि जारांगे पाटिल को मुंबई आना चाहिए, सरकार से बात करनी चाहिए, चर्चा करनी चाहिए लेकिन विरोध नहीं करना चाहिए।(Manoj Jarange Patil)

मनोज जारांगे पाटिल ने कहा कि प्रशासन ने बार-बार इस मार्च को न निकालने की अपील की थी, लेकिन हम अपने रुख पर कायम हैं. जारांगे ने यह रुख अपनाया है कि जब तक हमें आरक्षण नहीं मिलेगा, हम नहीं हटेंगे. इसी तरह उनका पैदल मार्च पिछले हफ्ते अंतरवाली सरती से शुरू हुआ और कल पुणे में उन्हें जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली.

तो अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या सरकारी प्रतिनिधिमंडल मनोज जारांगे पाटिल को मनाने में कामयाब होगा. अगर यह प्रयास सफल नहीं हुआ तो यह शिश मंडल वीसी के माध्यम से सीधे मनोज जारांगे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, जो इस वक्त डेयर गांव में हैं, से संवाद करेंगे. अब हर किसी को उत्सुकता है कि क्या मनोज जारांगे पाटिल मुंबई आएंगे या रहेंगे।

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