मुंबई की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है, क्योंकि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनावों को लेकर सरगर्मियां बढ़ती नजर आ रही हैं। महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आज, सोमवार 15 दिसंबर को स्थानीय निकाय चुनावों की तारीखों की घोषणा किए जाने की संभावना है। ऐसे में देश की सबसे अमीर नगर निगम बीएमसी पर नियंत्रण की लड़ाई एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। संभावना जताई जा रही है कि बीएमसी चुनाव 2026 में कराए जाएंगे। (Election Dates)
बीएमसी का चुनाव हर पांच साल में होता है और यह मुंबई की सियासत का सबसे अहम मुकाबला माना जाता है। पिछले दो दशकों से अधिक समय तक यह चुनाव मुख्य रूप से अविभाजित शिवसेना और उसके प्रतिद्वंद्वियों के बीच सत्ता संघर्ष का केंद्र रहा है। खासतौर पर शिवसेना ने लंबे समय तक बीएमसी पर अपना दबदबा बनाए रखा। हालांकि, 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मजबूत उभार ने राजनीतिक समीकरणों को बदलकर रख दिया।
अगर बीएमसी के पिछले पांच आम चुनावों पर नजर डालें, तो यह स्पष्ट होता है कि शिवसेना मुंबई की नागरिक राजनीति में कितनी मजबूत रही है। वर्ष 1997 में हुए बीएमसी चुनावों में शिवसेना ने पहली बार बड़ी सफलता दर्ज की और इसके बाद नगर निगम की सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत की। इसके बाद 2002 और 2007 के चुनावों में भी शिवसेना ने अपना वर्चस्व कायम रखा और मुंबई की सत्ता पर नियंत्रण बनाए रखा।
2012 के बीएमसी चुनावों में भी शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, हालांकि बीजेपी ने उस समय भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी। लेकिन सबसे बड़ा बदलाव 2017 के चुनावों में देखने को मिला, जब बीजेपी ने शिवसेना को कड़ी टक्कर दी। इस चुनाव में शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी जरूर बनी, लेकिन बीजेपी ने सीटों की संख्या में भारी बढ़त हासिल कर यह साफ कर दिया कि वह मुंबई की राजनीति में एक बड़ी ताकत बन चुकी है।
2017 के बाद से बीएमसी चुनाव समय पर नहीं हो पाए हैं। 2022 में होने वाले चुनाव विभिन्न कानूनी, प्रशासनिक और राजनीतिक कारणों से टलते रहे। इस दौरान महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला, जब शिवसेना दो गुटों में बंट गई—एक ओर उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व वाला शिवसेना (यूबीटी) और दूसरी ओर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला गुट। इसके साथ ही नए राजनीतिक गठबंधन भी अस्तित्व में आए, जिससे आगामी बीएमसी चुनाव और भी दिलचस्प हो गए हैं। (Election Dates)
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2026 में होने वाले बीएमसी चुनाव अब तक के सबसे कड़े और अनिश्चित मुकाबलों में से एक हो सकते हैं। जहां एक ओर शिवसेना के विभाजन से उसकी पारंपरिक वोट बैंक पर असर पड़ा है, वहीं बीजेपी अपनी संगठनात्मक ताकत और पिछले प्रदर्शन के दम पर सत्ता हासिल करने की कोशिश में जुटी है। इसके अलावा कांग्रेस और एनसीपी जैसे दल भी गठबंधनों के जरिए अपनी भूमिका मजबूत करने की रणनीति बना रहे हैं।
आज संभावित रूप से चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही मुंबई की सियासत में चुनावी माहौल और तेज हो जाएगा। बीएमसी चुनाव न सिर्फ नगर निगम की सत्ता तय करेंगे, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति की दिशा और भविष्य के गठबंधनों पर भी गहरा असर डालेंगे। अब सभी की नजरें राज्य निर्वाचन आयोग की घोषणा पर टिकी हुई हैं।कांग्रेस की स्थापना एक अंग्रेज अधिकारी ने की
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