सांगठनिक चुनाव के लिए ठाकरे ग्रुप को इजाजत दें या शिवसेना सिंबल का सीधा फैसला? चुनाव आयोग वास्तव में क्या करेगा? चुनाव आयोग में अगली सुनवाई के लिए 17 जनवरी की तारीख तय की गई है और राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि क्या आयोग उस दिन कोई बड़ा फैसला लेगा।
पार्टी प्रमुख के रूप में उद्धव ठाकरे का पांच साल का कार्यकाल 23 जनवरी, 2023 को समाप्त हो रहा है। ठाकरे गुट ने आयोग से मांग की कि दोबारा चुनाव कराने की अनुमति दी जाए या इस कानूनी खींचतान के खत्म होने तक समय सीमा बढ़ाई जाए। यदि चुनाव आयोग संगठनात्मक चुनाव की अनुमति देता है, तो इसका मतलब शिवसेना के संविधान के अनुसार ठाकरे समूह के अस्तित्व को स्वीकार करना है। इसलिए सूत्रों को जानकारी है कि दो संभावनाएं हैं या तो समय सीमा बढ़ाई जाए या उससे पहले कोई बड़ा फैसला लिया जाए।
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