1 फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किया गया, जिसमें सोने और चांदी पर आयात शुल्क में वृद्धि की घोषणा की गई। इससे सोने और चांदी की कीमतों में तत्काल प्रभाव से वृद्धि देखी गई।
आयात शुल्क में वृद्धि और उसका प्रभाव
बजट 2025 में सोने पर आयात शुल्क को 12.5% से बढ़ाकर 15% किया गया, जिससे सोने की कीमतों में 10-15% तक की वृद्धि हुई। इसी प्रकार, चांदी पर भी आयात शुल्क बढ़ाया गया, जिससे इसकी कीमतों में 8-12% तक का उछाल देखा गया।
वर्तमान कीमतें
बजट के बाद, 24 कैरेट सोने की कीमत 84,959 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई थी, जबकि चांदी की कीमत 95,769 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई थी। हालांकि, हाल के दिनों में वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव और डॉलर की मजबूती के कारण इन कीमती धातुओं की कीमतों में गिरावट देखी गई है।
निवेश के लिए अवसर
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने और चांदी की कीमतों में यह गिरावट निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रस्तुत करती है। सोना और चांदी लंबे समय से सुरक्षित निवेश माने जाते हैं, और वर्तमान कीमतों पर निवेश करना भविष्य में लाभदायक हो सकता है।
भविष्य की संभावनाएं
आर्थिक विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों, मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक तनावों के कारण सोने और चांदी की मांग में वृद्धि हो सकती है, जिससे उनकी कीमतों में फिर से उछाल आ सकता है। इसलिए, वर्तमान में इन धातुओं में निवेश करना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है।
निष्कर्ष
सोने और चांदी की कीमतों में हालिया गिरावट निवेशकों के लिए एक आकर्षक अवसर प्रस्तुत करती है। हालांकि, निवेश से पहले बाजार की परिस्थितियों और व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्यों का मूल्यांकन करना आवश्यक है। सावधानीपूर्वक योजना और समझदारी से किया गया निवेश भविष्य में लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
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