मुंबई नगरी यह झगमगाती नगरी है । जहा पर कोई व्यक्ती भुखा पेट नही सो सकता। वास्तव में है यह कहा तो लाजमी नहीं होगा क्योंकि यहा पर मेहनत करने वाला कभी भूखा पेट रह नहीं सकता । क्योंकि जिसके हाथ में हुनर है या जिसके बदनल में हुन्नर है या जिसकि मेहनत करने की इच्छा है। उसको उसका मेहनताना मिलता है और तभी वह व्यक्ती कम से कम जिंदगी जी पता है ।मुंबई की सडक पर एक ऐसा ही वाकय्या सामने आया है । जहा पर दिन में गोल्डन स्टॅचू सीएसटी के सडक पर घंटों एक हि जगह पर स्तब्ध खडा हुआ नजर आया है । जिसका Exclusive जायजा हमारे मेट्रो मुंबई के सिनियर रिपोर्टर विनोद कांबले ने लीया है। तो पता चला है कि यह एक घंटों कडी धूप में खडा रहा हुआ स्टॅचू नहीं है । यह तो एक जीता जागता व्यक्ती है । जो खुद की जिंदगी जीने के लिये यह गोल्डन कलर अपने बदन पर लगाकर कडी धूप में खडा रहकर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता नजर आया है । उसका कहना है कि वह यहा सिर्फ केवल और केवल अपनी पेट की भूख मिटाने के लिये, अपने घर परिवार का भरण+पोषण करने के लीये कर रहा है ।इस गोल्डन स्टेचू का नाम है नफीस अहमद जिसके पास खुदका आज के मॉर्डन जमाने में अण्ड्रॉईड मोबाइल तक नहीं है । लेकिन वह अपनी और अपने परिवार की जिंदगी को चलाने के लिये स्वयम्
कि बदन पर गोल्डन कलर लगाकर मुंबई की विभिन्न सडकों पर स्टॅचू की तरह खडा रहकर लोगों को आकर्षित करता है । एवम् लोग उसको सहानुभूती के नजर से देखकर उसने रखे हुए गल्ले में आर्थिक मदद कर उसको प्रोत्साहित करते है ।तो कई लोक इस गोल्डन स्टॅचू को देखकर उसके साथ सेल्फी निकालने के लिये तक उतावले होते हुए नजर भी आते रहते है ।आज की भाग दौडकी जिंदगी में मुंबई जैसे शहर में इस गोल्डन स्टॅच्यू को अपने बदन पर गोल्डन कलर लगाकर जिंदगी जिना पड रहा है । यह कितना कठीण है यह उसके दर्द को देखकर ही समझ में आता है ।
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