केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात की इजाजत दे दी है. सरकार ने छह देशों बांग्लादेश, यूएई, भूटान, बहरीन, मॉरीशस और श्रीलंका को प्याज के निर्यात की अनुमति दी है। केंद्र ने 99 हजार 150 मीट्रिक टन प्याज निर्यात करने की अनुमति दी है. एक दिन पहले भारत सरकार ने 2000 मीट्रिक टन सफेद प्याज के निर्यात की अनुमति दी थी.
गुजरात से सफेद प्याज के निर्यात की इजाजत देने के बाद देशभर और महाराष्ट्र के किसान केंद्र सरकार से नाराज थे. सरकार की हर तरफ आलोचना हो रही थी. इसके बाद आज केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से प्याज के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा दिया. केंद्र सरकार के इस फैसले पर किसान नेता और स्वाभिमानी शेतकर संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने प्रतिक्रिया दी है .
केंद्र सरकार द्वारा लिया गया फैसला निश्चित तौर पर अच्छा है, इससे किसानों को फायदा होगा लेकिन सबसे पहले गुजरात से सफेद प्याज के निर्यात की इजाजत दी गई. इसके बाद केंद्र की आलोचना होने लगी. तो ऐसा लगता है कि ये फैसला कहीं न कहीं लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर लिया गया है. राजू शेट्टी ने कहा कि सरकार ने 99 हजार 150 मीट्रिक टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है.
निर्यात प्रतिबंध हटाने के सरकार के फैसले पर किसान नेता अजीत नवले ने भी प्रतिक्रिया दी है . प्याज का उत्पादन सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में होता है. जब निर्यात प्रतिबंध लगाया गया तो सरकार ने महाराष्ट्र के किसानों की प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटाने की मांग को नजरअंदाज कर दिया. वहीं चुनाव को देखते हुए गुजरात के प्याज को निर्यात की इजाजत दे दी गई. इसके बाद दूसरे राज्यों की ओर से आलोचना हुई. परिणामस्वरूप, केंद्र ने निर्यात प्रतिबंध हटा दिया है। नवले ने कहा कि यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि इससे महाराष्ट्र में चुनाव के नतीजों पर असर पड़ेगा .