गुजराती भाषा को अनिवार्य रूप से पढ़ाने के लिए हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। जिसकी सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार को पूछा कि आप गुजराती माध्यम के स्कूल क्यों चला रहे हैं, लेकिन गुजराती नहीं पढ़ा रहे हैं? अंतर्राष्ट्रीय बोर्ड या सीबीएससी बोर्ड के स्कूल गुजरात की धरती पर ही चलते हैं? फिर इसमें भाषा शिक्षण के नियमों को कैसे बदला जाए। कैसे? सरकार को गैर-गुजराती शिक्षण स्कूलों के एनओसी को मंजूरी देने के लिए एक उचित तंत्र स्थापित करना चाहिए।
कोर्ट ने अगली सुनवाई 20 तारीख को टाल दी है।
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