मुंबई में फरवरी के अंत में तापमान में असामान्य वृद्धि देखी जा रही है, जिससे हीटवेव की स्थिति पैदा हो रही है। इसका मुख्य कारण ग्लोबल वार्मिंग है, जो मानव गतिविधियों जैसे जीवाश्म ईंधन का जलाना, वनों की कटाई और औद्योगिक क्रियाकलापों के परिणामस्वरूप पृथ्वी के औसत तापमान में दीर्घकालिक वृद्धि को दर्शाता है। इसके अलावा, तेजी से शहरीकरण और कंक्रीट संरचनाओं की बढ़ती संख्या “नगरीय ऊष्मा द्वीप प्रभाव” को जन्म देती है, जहां शहरी क्षेत्र अधिक गर्मी को अवशोषित और संचित करते हैं, जिससे तापमान में वृद्धि होती है।
मुंबई में लगातार तापमान में वृद्धि देखी जा रही है, जिससे हीटवेव की स्थिति उत्पन्न हो रही है। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, हल्के और ढीले कपड़े पहनें, और धूप में बाहर निकलने से बचें। स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना आवश्यक है ताकि हीटवेव के प्रतिकूल प्रभावों से बचा जा सके।
किसानों को भी सलाह दी जाती है कि वे अपनी फसलों की सिंचाई समय पर करें और पशुओं को छाया में रखें। स्थानीय प्रशासन ने हीटवेव से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, जैसे कि सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना और स्वास्थ्य सेवाओं को सतर्क रखना।
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