कोविड 19 (COVID) शवों के लिए पुलिस (Police) की अनापत्ति प्रमाणपत्र की मांग न करनेवाले परिपत्र की नादेखी अस्पताल (Hospital) के प्रमुख कर रहे है। इससे कोविड के शवों को रिश्तेदारों को सौंपने के लिए मनाही की गई। पुलिस की एनओसी लाने के लिए अस्पताल के मनपा अधिकारी दबाव बना रहे हैं। इसे लेकर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और मनपा आयुक्त के पास शिकायत दर्ज की।
अनिल गलगली आरटीआई कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मनपा आयुक्त को भेजते हुए लिखित में शिकायत करते हुए कहा है कि 3 अगस्त 2020 में कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मंगला गोमरे ने अतिरिक्त आयुक्त की अनुमति से एक परिपत्र जारी कर कोविड के शवों को अंतिम संस्कार के लिए ले जाते समय पुलिस से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मांगने की आदेश दिया है। इससे पहले, शवों को पुलिस की अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना शव नहीं दिए जाते थे, इसी कारणवश शवों को अस्पताल से कब्रिस्तान तक ले जाने में समय लगता था। अनिल गलगली ने आरोप लगाया है कि जहां सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग का परिपत्र स्व-व्याख्यात्मक था, वहीं सायन बीकेसी और टाटा अस्पतालों में पुलिस की अनापत्ति प्रमाणपत्र लाने के लिए रोक दिया जा रहा है।
जोगेश्वरी के 65 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक उबदुल्लाह की 2 अगस्त, बुधवार को सायन अस्पताल में मौत हो गई, लेकिन उनका शव उनके बेटे मुसवीर को पहले नहीं दिया गया था । उनसे पुलिस का अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा जा रहा था। कोविड के मृत्यु हुए लोगों को दफनाने की पहल करने वाले इकबाल ममदानी ने अनिल गलगली को इसी तरह की रुकावट की जानकारी दी है । गलगली ने जहां घटना की सूचना मनपा उपायुक्त देवीदास क्षीरसागर को दी, वैसे ही उन्होंने सायन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मोहन जोशी को आदेश जारी किया। बाद में फौरन बिना पुलिस अनापत्ति प्रमाणपत्र के शव उनके बेटे मुसवीर को दे दिया गया।
अनिल गलगली ने अधिकारियों के खिलाफ कड़क कार्रवाई करने की मांग की है जिन्होंने मनपा के परिपत्र को लागू नहीं किया है।
Report by : Rajesh Soni
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