Hussain Dalwai : केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र की मूल भाषा मराठी को शास्त्रीय दर्जा प्रदान किया है, जिससे राज्य की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो गई है। मराठी भाषा के प्रचार-प्रसार को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने इसे प्रत्येक स्कूल में अनिवार्य कर दिया है, जिसमें अंग्रेजी माध्यम के स्कूल भी शामिल हैं। (Hussain Dalwai )
इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने निर्देश दिए हैं कि महाराष्ट्र में पंजीकृत सभी वाणिज्यिक वाहनों पर सामाजिक संदेश, विज्ञापन और शैक्षणिक जानकारी मराठी भाषा में प्रदर्शित की जाए। वर्तमान में, कई वाहनों पर हिंदी या अन्य भाषाओं में संदेश लिखे जाते हैं, जिससे मराठी भाषा के प्रचार-प्रसार में बाधा आती है।
सरकार का मानना है कि अगर सामाजिक संदेश, जैसे “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” को मराठी में लिखा जाए, तो यह स्थानीय लोगों तक अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचेगा। इस नए नियम के तहत ट्रक, ट्रैक्टर और अन्य व्यावसायिक वाहनों पर मराठी में संदेश लिखना अनिवार्य होगा। (Hussain Dalwai )
आगामी गुड़ी पड़वा से इस नियम को प्रभावी रूप से लागू करने की योजना बनाई गई है। परिवहन आयुक्त को निर्देश दिए गए हैं कि इस कार्य को सुचारू रूप से सुनिश्चित किया जाए। इससे न केवल मराठी भाषा को सम्मान मिलेगा, बल्कि “मेरी मराठी” के प्रति जागरूकता और जुड़ाव भी बढ़ेगा।
Also Read : Mumbai : ट्रेन टिकट बुकिंग बेहाल, यूपी और बिहार जाने वाले परेशान