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मैं अविवाहित हूं, कुंवारा नहीं, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जवाब दिया था जब…

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Atal Bihari Vajpayee: अटल बिहारी वाजपेयी से सबसे ज्यादा सवाल शादी को लेकर पूछे जाते थे. इस संबंध में पूछे गए एक सवाल पर उनका जवाब काफी चर्चित रहा. शादी के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मैं सिंगल हूं…लेकिन बैचलर नहीं।’

तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे वरिष्ठ बीजेपी नेता स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का आज जन्मदिन है. उनके कुछ मशहूर किस्से अटल बिहारी वाजपेयी पर लिखी किताब ‘हार नहीं मानूंगा: एक अटल जीवन गाथा’ से लिए गए हैं। ये कहानियाँ दिलचस्प हैं. इसके अलावा इससे पता चलता है कि अटल बिहारी वाजपेयी कितने सज्जन व्यक्ति थे. अटल बिहारी वाजपेयी की भौंहें तब तन गईं जब उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं सिंगल हूं, बैचलर नहीं।’

एक बार एक पार्टी में एक महिला पत्रकार ने अटल जी से पूछा, ”वाजपेयी जी, आप अब तक कुंवारे क्यों हैं?” वह पूछा. इस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘एक आदर्श पत्नी की तलाश में।’ महिला पत्रकार ने कहा, ”क्या तुम्हें वह नहीं मिली?” उसने जवाब दिया। इस पर वाजपेयी ने कहा, ‘वह तो मिल गई लेकिन उसे एक आदर्श पति की भी तलाश थी।’ उन्होंने महिला पत्रकार को जवाब दिया.(Atal Bihari Vajpayee)

अटल बिहारी वाजपेई की शादी नहीं हुई थी. लेकिन, मिसेज कौल उनके साथ प्रधानमंत्री आवास में रहती थीं. लेकिन वह उसकी पत्नी नहीं थी. अटल बिहारी वाजपेयी और कौल की प्रेम कहानी को कभी नाम नहीं मिला.

1978 में वाजपेयी विदेश मंत्री थे। वह चीन और पाकिस्तान का दौरा करने के बाद भारत लौटे थे। उस समय एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने उनसे पूछा, ”वाजपेयी जी, पाकिस्तान, कश्मीर और चीन की बात छोड़ दीजिए और बताइए कि मिसेज कौल का मामला क्या है?” सीधे पूछा. ये सवाल सुनकर सभी शांत हो गए. सबकी निगाहें अटल बिहारी वाजपेयी पर टिकी थीं. पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल पर अटल बिहारी कुछ देर तक चुप रहे. हालांकि, एक पल में उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, ‘यह कश्मीर जैसा मुद्दा है।’

तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जनसंघ की आलोचना की थी. इस पर अटलजी ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि पंडितजी हर दिन टोपासना करते हैं। मुझे उनके गद्दी संभालने पर कोई आपत्ति नहीं है.’ लेकिन, मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वे मेरी पार्टी की तस्वीर को उल्टा करके न देखें।’ पंडित नेहरू ने भी उनके जवाब की सराहना की

80 के दशक में अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तर प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्याचार को लेकर पदयात्रा निकाली थी. उस समय इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं. अप्पा घटाटे वाजपेयी के करीबी दोस्त थे. उन्होंने वाजपेयी से पूछा, मार्च कितनी देर तक चलेगा? इस पर अटल ने बेबाकी से जवाब दिया, ”जब तक मुझे पद नहीं मिल जाता, यह यात्रा जारी रहेगी.” उन्होंने ऐसा कहा.

दूसरी कहानी ये है कि वाजपेयी के नाम में बिहारी था. 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी एक चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए बिहार गए थे. उस वक्त उन्होंने मंच से जनता को संबोधित करते हुए कहा था, ‘मैं मजबूत हूं और मैं भी बिहारी हूं.’.

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