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Mumbai में खुलासा: नवजात के मामले में दो महिलाएं आरोपित

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Illegal adoption exposed in Mumbai: Two women accused in case of HIV positive newborn

Mumbai Police ने एक चौंकाने वाले मामले का खुलासा किया है, जहां एचआईवी पॉजिटिव नवजात को अवैध रूप से गोद लेने की घटना सामने आई है। पुलिस ने इस मामले में दो महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है और मुख्य आरोपी की तलाश जारी है।

कैसे सामने आई सच्चाई
परेल के केईएम अस्पताल में जन्मी बच्ची को अवैध रूप से गोद लेने के बाद, उसकी तबीयत बिगड़ने पर वाडिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। अपेंडिक्स सर्जरी के दौरान डॉक्टरों को पता चला कि बच्ची एचआईवी पॉजिटिव है। जब आगे की जांच शुरू हुई, तो दत्तक मां ने स्वीकार किया कि बच्चा जैविक रूप से उसका नहीं था और उसे गैरकानूनी तरीके से गोद लिया गया था।

कैसे हुआ अवैध गोद लेना
पुलिस जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी महिला आर्थिक तंगी और पति की शराब की लत के कारण बच्चे को नहीं रखना चाहती थी। उसने दूसरी महिला से संपर्क किया, जो बच्चा गोद लेना चाहती थी। अवैध गोद लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए आरोपी ने केईएम अस्पताल में भर्ती होने के लिए दूसरी महिला के आधार कार्ड का इस्तेमाल किया। 11 अक्टूबर 2024 को बच्ची के जन्म के बाद, उसे दत्तक मां को सौंप दिया गया।

पुलिस की कार्रवाई
यह मामला सबसे पहले ठाणे के मानपाड़ा पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ, लेकिन बाद में जांच को भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया गया। मुख्य आरोपी की तलाश जारी है, जबकि दूसरी महिला को नोटिस भेजा गया है।

कानूनी प्रक्रिया और जागरूकता की जरूरत
यह मामला भारत में अवैध गोद लेने की गंभीरता और इसके नाजुक प्रभावों को उजागर करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए कानूनी प्रक्रियाओं को सख्ती से पालन करना बेहद जरूरी है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, पुलिस इस पूरे नेटवर्क को उजागर करने के लिए हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही है। इस घटना ने न केवल मानवता को झकझोर दिया है, बल्कि अवैध गोद लेने से जुड़े कानूनों की सख्त निगरानी की आवश्यकता पर भी जोर दिया है।

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