देश मे कोरोना (Corona) वायरस महामारी के खिलाफ देशभर में कई महीनों से वैक्सीनेशन का अभियान जारी है।शुरुआती समय में भारत ने अन्य देशों को वैक्सीन सप्लाई की, लेकिन दूसरी लहर में टीकों की कथित कमी होने के बाद रोक लगा दी थी। अब जब कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ गयी है तो दोबरा एक बार फिर से अन्य देशों को टीकों की सप्लाई शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।
आपको बता दें कि भारत कुल मिलाकर टीकों का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। अप्रैल महीने में कोविड के टीकों का एक्सपोर्ट बंद कर दिया गया था, क्योंकि उस समय दूसरी लहर में काफी ज्यादा मामले सामने आने लगे थे और देश को जल्द से जल्द वैक्सीन लगाई जानी थी। अधिकारी के अनुसार, वर्तमान में सरकार की प्राथमिकता भारत की एलिजिबल आबादी को प्रभावी ढंग से और कम-से-कम समय में वैक्सीन लगाना है।उन्होंने कहा, “एक्सपोर्ट की जरूरतों और प्रतिबद्धताओं को भी सावधानी पूर्वक देखा जा रहा है। टीकों के निर्यात के लिए कैलिब्रेटेड दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। अधिकारी ने कहा, “भारत विशेष रूप से कोवैक्स के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करना चाहेगा।
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने 14 अक्टूबर को कहा था कि नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार और ईरान को उनकी आपूर्ति फिर से शुरू करने के सरकार के फैसले के अनुसार कोरोनावायरस के टीके भेजे गए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सरकार ने शुरुआत में पड़ोसी देशों को सप्लाई करने का फैसला किया है।
Report by: Brijendra Singh
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