कल्याण डोबिवली: कल्याण डोबिवली महानगरपालिका (KDMC) के मुख्यालय में स्थित हिरकणी कक्ष को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। इस फैसले के बाद बच्चों को लेकर आने वाली माताओं और महिलाओं को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। हिरकणी कक्ष मुख्यालय में ऐसे माता-पिता और बच्चों के लिए बनाया गया था, जो मुख्यालय में अपने काम के दौरान अपने बच्चों को सुरक्षित रूप से रख सकते थे।
स्थानीय निवासियों और महिला वर्कर्स ने बताया कि हिरकणी कक्ष बंद होने के कारण अब महिलाओं को अपने छोटे बच्चों को लेकर कार्यालय आने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे न केवल उनकी सुविधा प्रभावित हुई है, बल्कि कई महिलाएं अपने कामों को समय पर निपटाने में भी असमर्थ हो रही हैं।
महानगरपालिका के अधिकारियों का कहना है कि कक्ष को सुरक्षा और प्रबंधन से संबंधित कारणों से बंद किया गया है। हालांकि, इस फैसले के बाद माताओं और बच्चों के लिए वैकल्पिक सुविधा प्रदान करने की कोई स्पष्ट योजना सामने नहीं आई है।
स्थानीय महिलाएं और बालिकाओं की देखभाल करने वाले नागरिक इस फैसले से नाराज हैं। उनका कहना है कि हिरकणी कक्ष के बंद होने से महिला कर्मचारियों और माताओं को मुख्यालय में कामकाज के दौरान गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई लोग अब अपने बच्चों को घर पर छोड़ने या किसी अन्य सुरक्षा उपाय खोजने को मजबूर हो गए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कक्षों की आवश्यकता केवल सुविधा के लिए नहीं, बल्कि सुरक्षा और बच्चों की देखभाल के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। महिला कर्मचारियों और नागरिकों के लिए यह एक बड़ी राहत का स्थान होता है, जिससे वे अपने प्रशासनिक कार्यों को निर्बाध तरीके से पूरा कर सकते हैं।
महानगरपालिका प्रशासन से अनुरोध किया जा रहा है कि हिरकणी कक्ष के बंद होने से उत्पन्न हुई समस्याओं को जल्दी से जल्दी दूर करने के लिए वैकल्पिक समाधान निकाले जाएं। इसके अलावा, सुरक्षा और सुविधा दोनों का ध्यान रखते हुए भविष्य में ऐसी सेवाओं को बनाए रखना चाहिए।
इस फैसले ने कल्याण डोबिवली महानगरपालिका मुख्यालय आने वाली महिलाओं और बच्चों के लिए असुविधा का एक नया स्तर स्थापित किया है। नागरिक अब प्रशासन से यह उम्मीद कर रहे हैं कि बाल मित्र और महिला सुविधाओं को पुनः चालू करने या नए विकल्प प्रदान करने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं।
इस प्रकार, हिरकणी कक्ष के स्थायी बंद होने से महिलाओं और बच्चों की सुविधा पर प्रतिकूल असर पड़ा है और प्रशासन पर अब इस समस्या का समाधान करने का दबाव बढ़ गया है।
Reported By : geeta yadav