ताजा खबरें

जानिए रेलवे ट्रैक पर क्यों बिछे होते हैं पत्थर

146

पटरियों के बीच में कॉन्क्रीट के बड़े -बड़े स्लैबस होते है,जिन्हें स्लीपर्स कहा जाता हैं इनका काम पटरियों पर दबाव को कम करना और ट्रैन को स्थिर रखना होता है। इनके बीच नुकीले पत्थर होते हैं,जिन्हें ट्रैक बैलेस्ट कहते हैं। ट्रैन गुजरते वक्त ये पत्थर आपस में जुड़े रहते हैं,जिससे ये ट्रैन के वजन को बैलेंस करने में मददगार होते हैं,और ट्रैक को मजबूती देते है। ये ट्रैक पर पौधे उगने से भी रोकते है।

Also Read: असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से की मुलाकात

Recent Posts

Advertisement

ब्रेकिंग न्यूज़

x