पालघर, महाराष्ट्र: जिले के मोखाड़ा और विक्रमगढ़ तालुकाओं में तेंदुए की बढ़ती गतिविधियों ने स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है। सोमवार सुबह फिर एक भयावह घटना सामने आई, जब पिंपलपाड़ा में रहने वाला नौ वर्षीय संकेट सुनील भोये तेंदुए के हमले से बाल-बाल बच गया। यह घटना खोच ग्राम पंचायत क्षेत्र में हुई। (Leopard attacks)
जानकारी के अनुसार, सुबह लगभग 6 बजे संकेट अपने घर के बाहर आग जलाने के लिए बैठा था। उसी दौरान पास में झाड़ियों में छिपा तेंदुआ अचानक बाड़ पार कर उसकी ओर झपटा। घटना इतनी तेजी से हुई कि परिवार के सदस्य डर से कांप उठे।
संकेट की दादी और परिवार के अन्य सदस्यों ने यह दृश्य देखा तो वे तुरंत जोर-जोर से चिल्लाने लगे। शोर सुनते ही तेंदुआ घबरा गया और कुछ ही सेकंड में वहां से जंगल की ओर भाग गया। संकेट को हमले से कोई गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन भागते समय उसके घुटने पर हल्की चोट आ गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ सप्ताह में मोखाड़ा और विक्रमगढ़ क्षेत्रों में तेंदुए के विचरण और हमलों की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। इससे ग्रामीणों, खासकर स्कूली बच्चों और खेतों में काम करने वालों में भय का माहौल बना हुआ है। कई गांवों में शाम होते ही लोग घरों से बाहर निकलने में हिचकिचा रहे हैं। (Leopard attacks)
वन विभाग को इन घटनाओं की सूचना दे दी गई है और अधिकारियों ने क्षेत्र का दौरा कर तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रखने की बात कही है। ग्रामीणों ने वन विभाग से गश्त बढ़ाने और तेंदुए को पकड़ने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है।
हाल के समय में तेंदुए के हमले से दो स्कूली बच्चे घायल हुए हैं, जिसके बाद अभिभावकों में और अधिक चिंता बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि मानव बस्तियों के करीब जंगलों में पानी और शिकार की कमी के कारण तेंदुए गांवों की ओर भटक रहे हैं।
ग्रामीणों ने प्रशासन और वन विभाग से अपील की है कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और तेंदुए की लगातार बढ़ती गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए ठोस कार्रवाई की जाए। (Leopard attacks)
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