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Leopard Attacks: बकरियां छोड़ने का सुझाव खारिज, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा ‘मजाक’

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Leopard Attacks: बकरियां छोड़ने का सुझाव खारिज,

राज्य में तेंदुए के हमलों के बढ़ते मामलों के बीच एक विवादित सुझाव आया कि जंगलों में बकरियां छोड़ने से तेंदुए के हमले रोके जा सकते हैं। इस पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे पूरी तरह असंगत और मजाक करार दिया। (Leopard Attacks)

अजीत पवार ने कहा कि यह सुझाव न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गलत है, बल्कि इससे जंगल और मानव बसावट दोनों के लिए खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि तेंदुए के हमलों को रोकने के लिए जंगलों में जानबूझकर बकरियां छोड़ना न तो व्यवहारिक है और न ही सुरक्षित। उन्होंने कहा, “जंगल में बकरियां छोड़ने का विचार हास्यास्पद है। इससे तेंदुए की प्राकृतिक आहार श्रृंखला और पारिस्थितिकी संतुलन बिगड़ सकता है। यह मानव जीवन के लिए भी खतरा पैदा करेगा।”

राज्य में पिछले कुछ महीनों में तेंदुए के हमलों में वृद्धि हुई है, खासकर उन इलाकों में जहां मानव और जंगल का संपर्क अधिक है। कई बार लोग और पशुधन खतरे में पड़ जाते हैं। प्रशासन ने तेंदुए से संबंधित मामलों को नियंत्रित करने के लिए जागरूकता अभियान, सुरक्षित आवास और जंगलों में निगरानी जैसे उपाय अपनाए हैं।

अजीत पवार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जंगल और मानव बस्तियों के बीच अंतर को स्पष्ट करना और लोगों को तेंदुए के व्यवहार के बारे में शिक्षित करना प्राथमिकता हो। उन्होंने कहा कि तेंदुए के हमलों को रोकने का सही तरीका है सुरक्षित आवासों का निर्माण, पशुधन की सुरक्षा और तेंदुए के आवास में हस्तक्षेप न करना।

विशेषज्ञों का कहना है कि तेंदुए और अन्य जंगली जानवरों के साथ मानव संघर्ष को कम करने के लिए सतत निगरानी, जैविक संरचना की सुरक्षा और शिक्षित जागरूकता अभियान सबसे प्रभावी उपाय हैं। जंगल में बकरियों को छोड़ना केवल तेंदुए की आदतों को बिगाड़ सकता है और वन्य जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

स्थानीय लोगों ने भी इस सुझाव को हास्यास्पद बताया। उनका कहना है कि इस तरह के उपाय वास्तविक समस्या का समाधान नहीं हैं, बल्कि और अधिक संघर्ष और दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर सकते हैं। (Leopard Attacks)

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने यह भी कहा कि राज्य सरकार तेंदुए से संबंधित मामलों में वैज्ञानिक और व्यावहारिक समाधान को अपनाएगी। उनका जोर है कि जंगल और मानव जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना अत्यंत जरूरी है।

इस घटना ने यह स्पष्ट किया कि जंगल और मानव बस्तियों के बीच संतुलन बनाए रखना बेहद चुनौतीपूर्ण है। किसी भी तरह के असंगत उपाय या मजाकिया सुझाव न केवल असफल होंगे, बल्कि वन्य जीवन और मानव सुरक्षा दोनों पर विपरीत प्रभाव डाल सकते हैं। (Leopard Attacks)

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