आगामी लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में देश में कांग्रेस निति भारत गठबंधन का गठन हुआ है. सभी विपक्षी दलों ने यह गठबंधन बनाया है. इंडिया अलायंस बनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार तीसरी बार सत्ता में आने से रोकना है. अब तक भारत का अग्रणी पटना,बेंगलुरु और मुंबई में बड़ी बैठकें हो चुकी हैं. हर बैठक में कुछ अहम फैसले लिये जाते हैं. मुंबई में हुई इंडिया अघाड़ी की बैठक, कौन होगा आयोजक? चर्चा हुई कि लोगो की घोषणा की जायेगी. लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हुआ. मुंबई में 13 नेताओं की एक समन्वय समिति बनाई गई. अब इंडिया अलायंस ने एक अहम फैसला लिया है. ये इस वक्त की अहम खबर है.
अब इंडिया अघाड़ी की पटना, बेंगलुरु और मुंबई जैसी बैठकें नहीं होंगी. इन तीन शहरों में इंडिया अघाड़ी की बड़ी बैठकें हुईं. बैठक में अलग-अलग राज्यों की मुख्यमंत्री, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने हिस्सा लिया. इन बैठकों में इंडिया अघाड़ी ही विशाल रूप में नजर आई। लेकिन अब पता चला है कि इंडिया बेस की अब ऐसी बैठकें नहीं होंगी. इंडिया अघाड़ी की चौथी बैठक मध्य प्रदेश के भोपाल में और पांचवीं बैठक पश्चिम बंगाल के कोलकाता में होने वाली थी. लेकिन अब ये बैठकें रद्द कर दी गई हैं. अब से समन्वय समिति इंडिया अघाड़ी में अहम भूमिका निभाएगी. इंडिया अलायंस द्वारा गठित 13 सदस्यीय समन्वय समिति निर्णय लेगी.
इंडिया गठबंधन में अब अहम मुद्दा सीटों का बंटवारा है. किस पार्टी को मिलेंगी कितनी सीटें? गठबंधन में कांग्रेस अहम और बड़ी पार्टी है. उनके हिस्से में कितनी जगह होगी? मुख्य आयोजक कौन होगा? अभी फैसला नहीं हुआ है. अब 13 सितंबर को दिल्ली में शरद पवार के आवास पर इंडिया अघाड़ी की समन्वय समिति की बैठक होगी. इस बैठक में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और 18 तारीख से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र की रणनीति तय की जाएगी.
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