Maharashtra : सरकार ने दूध और खाद्य पदार्थों में मिलावट को गंभीर अपराध मानते हुए इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। सरकार दूध में मिलावट करने वालों पर मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) लगाने के लिए कानून में जरूरी संशोधन करने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में विधान भवन में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिमंडल के सामने पेश करने के निर्देश दिए गए। (Maharashtra)
सरकार का कहना है कि दूध और इससे जुड़े खाद्य पदार्थों में मिलावट से लोगों की सेहत को गंभीर खतरा होता है। इसलिए, इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैठक का आयोजन विधानसभा में उठाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत किया गया, जिसमें ‘एनालॉग चीज’ को ‘एनालॉग पनीर’ के नाम से बेचे जाने और सोलापुर जिले के पंढरपुर तालुका के भोसे गांव में सामने आए दूध मिलावट के मामले पर चर्चा की गई।
अब तक दूध मिलावट के दोषियों को अधिकतम छह महीने की सजा का प्रावधान था, जिससे उन्हें आसानी से जमानत मिल जाती थी। लेकिन सरकार अब इस सजा को तीन साल तक बढ़ाने की तैयारी कर रही है, जिससे आरोपी को तुरंत जमानत नहीं मिलेगी। यदि मकोका लगाया जाता है और आरोप साबित होते हैं, तो दोषियों को 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा दी जा सकती है। (Maharashtra)
जानकारी के अनुसार, देशभर में पकड़े गए 40% आरोपी जमानत पर रिहा होने के बाद दोबारा दूध मिलावट के अपराध में लिप्त पाए गए हैं। इसलिए, सरकार अब इस अपराध के खिलाफ सख्त कानून लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
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