उद्धव सरकार ने सीबीआई (CBI) को दी गई सामान्य सहमति को वापस ले लिया है. ऐसे में अब जांच एजेंसी सीबीआई को महाराष्ट्र में किसी भी मामले की जांच शुरू करने से पहले राज्य सरकार की अनुमति लेना होगा. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश पर सीबीआई की ओर से टीआरपी घोटाले में केस दर्ज किए जाने के एक दिन बाद महाराष्ट्र सरकार का यह बड़ा फैसला सामने आया है.
दरअसल टीआरपी घोटाला को लेकर एक विज्ञापन कंपनी के प्रमोटर ने लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया था. जिसके बाद में यूपी सरकार ने इस मामले को सीबीआई के हाथ में सौंप दिया था. टीआरपी घोटाले का मामला उस समय सामने आया था जब रेटिंग एजेंसी BARC ने एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कुछ चैनल पैसे देकर टीआरपी रेटिंग्स बढ़ा रहे है.
उधर, 8 अक्टूबर को मुंबई पुलिस कमिश्नर ने परमबीर सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि उसने रिपब्लिक टीवी सहित तीन चैनलों को शामिल करते हुए टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट्स (TRP) के धोखाधड़ी के रैकेट का भंडाफोड़ किया था. पुलिस ने आरोप लगते हुए कहा था कि चैनल की TRP डेटा एकत्र करने के लिए मुंबई के कुछ घरों में टीआरपी मीटर लगाए गए थे, उन्हें तीन चैनलों की ओर से चैनल देखने के लिए पैसे दिए जाते थे.
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