नागपुर। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के ग्रामीण इलाकों में कृषि भूमि तक आसान पहुँच सुनिश्चित करने के लिए ‘मुख्य मंत्री बालिराजा शेत-पानंद रास्ते योजना’ को मंजूरी दी है। यह योजना सभी मौसम में चलने योग्य मोटर योग्य मार्गों के निर्माण पर केंद्रित है, जिससे किसानों को अपनी भूमि तक सुरक्षित और सुविधाजनक पहुँच मिल सके। (Maharashtra Rural Roads)
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। योजना के तहत निर्माण कार्य 100 प्रतिशत यांत्रिक रूप से किया जाएगा, जिससे काम तेजी से और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा किया जा सकेगा। पहले मैन्युअल श्रम पर आधारित MGNREGA ढांचे के तहत कई क्षेत्रों में निर्माण धीमा रह जाता था, जिसे इस योजना के माध्यम से सुधारने का प्रयास किया गया है।
योजना में मार्ग निर्माण के दौरान विभिन्न शुल्कों को माफ करने की भी व्यवस्था है। इसके अलावा सड़क किनारे वृक्षारोपण को अनिवार्य किया गया है, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ ग्रामीण इलाकों में हरियाली भी बढ़ेगी।
राज्यव्यापी कार्यान्वयन की निगरानी के लिए राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा। समिति निर्माण की गुणवत्ता, समयबद्धता और योजना की प्रभावशीलता की निरंतर समीक्षा करेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस योजना से ग्रामीण किसानों को सीधे लाभ मिलेगा, उन्हें कृषि भूमि तक आसान पहुँच मिलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, सड़क निर्माण के यांत्रिक तरीके से कार्य की गति और स्थायित्व में सुधार होगा। (Maharashtra Rural Roads)
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यह योजना राज्य के ग्रामीण विकास और किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए शुरू की जा रही है। इससे ग्रामीण कनेक्टिविटी मजबूत होगी और किसानों की रोजमर्रा की चुनौतियों में कमी आएगी।
इस योजना से न केवल किसानों की जीवनशैली में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार ने कहा कि योजना के तहत सड़क निर्माण जल्द ही शुरू होगा और सभी जिलों में इसकी प्रभावी निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। (Maharashtra Rural Roads)
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