महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और संरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक पहल शुरू की है। इसके तहत अब तक राज्य के 89,000 से अधिक स्कूलों में CCTV कैमरे स्थापित किए जा चुके हैं, और आगे इस संख्या में बढ़ोतरी की योजना है। (Maharashtra)
यह कदम हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए उठाया गया है, जिसमें स्कूलों में बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना और सुरक्षा मानकों को लागू करना अनिवार्य बताया गया था।
शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने राज्य विधानसभा में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार न केवल CCTV कैमरों की स्थापना कर रही है, बल्कि स्कूलों में संपूर्ण सुरक्षा अवसंरचना विकसित करने पर भी काम कर रही है। इसके तहत सुरक्षा गार्ड, आपातकालीन अलार्म, सुरक्षा समितियों और नियमित निगरानी की व्यवस्था की जा रही है। मंत्री ने बताया कि सरकार का उद्देश्य यह है कि सभी स्कूल सुरक्षित, संरक्षित और निगरानी योग्य बनें, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।
विशेष रूप से आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्कूलों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सरकार ने इन क्षेत्रों के स्कूलों के लिए 18 करोड़ रुपये का बजट भी अलग से आवंटित किया है। इस राशि का उपयोग उन स्कूलों में CCTV कैमरे, सुरक्षा गार्ड और अन्य आवश्यक उपकरण स्थापित करने के लिए किया जाएगा, जहां बच्चों की सुरक्षा के लिए संसाधनों की कमी रही है।
विपक्षी दलों ने हालांकि कार्यान्वयन की गति और बजट की पर्याप्तता पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि बच्चों की सुरक्षा को सर्वोपरि माना जाना चाहिए और अगर यह कार्य समय पर और पर्याप्त संसाधनों के साथ लागू नहीं किया गया, तो यह सुरक्षा का खतरा बन सकता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि यह प्रक्रिया शीघ्रता से पूरी की जाए और सभी स्कूलों में सुरक्षा उपाय जल्दी से लागू किए जाएँ।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूलों में CCTV कैमरों की स्थापना न केवल सुरक्षा बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है, बल्कि यह बच्चों और शिक्षकों दोनों को मानसिक रूप से सुरक्षित महसूस कराता है। CCTV के माध्यम से किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि, हिंसा या आपात स्थिति का तुरंत पता लगाया जा सकता है और त्वरित कार्रवाई की जा सकती है।
इसके अलावा, प्रत्येक स्कूल में सुरक्षा समिति का गठन किया जा रहा है। यह समिति बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों के सहयोग से स्कूल में सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करेगी। समिति की जिम्मेदारी होगी कि स्कूल में किसी भी प्रकार की सुरक्षा खामी को समय रहते प्रशासन तक पहुंचाया जाए और आवश्यक सुधार किए जाएँ।
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि स्कूलों में आपातकालीन अलार्म, आपातकालीन निकासी मार्ग और सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था हो। शिक्षकों और कर्मचारियों को सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया कर सकें। इसके अलावा, छात्रों को भी सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से सिखाया जा रहा है कि आपात स्थिति में उन्हें क्या करना चाहिए।
हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह राज्य के सभी स्कूलों में सुरक्षा मानकों को लागू करे, जिसमें CCTV कैमरे, सुरक्षा गार्ड, आपातकालीन योजना और नियमित निगरानी शामिल हैं। यह निर्देश स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और संरक्षा को सर्वोपरि मानने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इसके पालन के लिए राज्य सरकार ने एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है, जो धीरे-धीरे पूरे राज्य के स्कूलों में लागू की जा रही है।
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में राज्य के सभी स्कूलों में पूरी सुरक्षा संरचना स्थापित हो जाए। इसके तहत अतिरिक्त CCTV कैमरे लगाए जाएंगे, सुरक्षा कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी, और नियमित निरीक्षण के साथ स्कूलों में सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। (Maharashtra)
इसके अलावा, तकनीकी दृष्टि से स्मार्ट सुरक्षा उपायों को भी लागू करने की योजना है। उदाहरण के लिए, सेंसर और मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से किसी भी अनधिकृत प्रवेश या संदिग्ध गतिविधि की तुरंत पहचान की जा सकेगी। इससे स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पहले से कहीं अधिक मजबूत होगी।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहल महाराष्ट्र के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। इससे न केवल स्कूलों में सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि यह शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी मानसिक सुरक्षा का भरोसा प्रदान करेगा। विशेषज्ञों ने यह भी सुझाव दिया है कि सुरक्षा उपायों के साथ-साथ नियमित जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आवश्यक हैं, ताकि सभी स्कूल समुदाय सुरक्षा उपायों का पालन कर सके। (Maharashtra)
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