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Mahayuti: सुलह के संकेत, लेकिन मुंबई मेयर पद पर सस्पेंस कायम

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महाराष्ट्र की राजनीति में चल रही खींचतान के बीच महायुति गठबंधन में सुलह के संकेत दिखने लगे हैं। महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की खुलकर प्रशंसा करते हुए गठबंधन की एकजुटता का संदेश दिया। (Mahayuti)

हालांकि, मुंबई महानगरपालिका के मेयर पद को लेकर भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच किसका दावा मजबूत होगा—इस पर अभी भी पूरी तरह सस्पेंस बना हुआ है।

विधानसभा सत्र के दौरान एकनाथ शिंदे ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उनकी कार्यशैली हमेशा परिणाम देने वाली रही है। शिंदे ने यह भी कहा कि महायुति सरकार स्थिर है और सभी सहयोगी दल एक ही लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं—जनहित और विकास।

राजनीतिक हलकों में इसे उस तनाव को कम करने की कोशिश माना जा रहा है जो पिछले कुछ हफ्तों में भाजपा और शिंदे गुट के बीच बढ़ता दिखाई दे रहा था। भाजपा के कुछ नेता मुंबई नगर निगम पर अपना दावा ठोक रहे थे, जबकि शिवसेना (शिंदे गुट) इसे अपनी परंपरागत सीट मानते हुए छोड़ने को तैयार नहीं दिख रही थी।

बीएमसी चुनाव को लेकर महायुति में अंदरूनी रणनीति क्या होगी, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। दोनों दलों के पास मजबूत तर्क हैं:
शिवसेना (शिंदे गुट) का कहना है कि मुंबई उनकी परंपरागत ताकत है और मेयर की कुर्सी शिवसेना की पहचान से जुड़ी है।
भाजपा का मानना है कि पिछले चुनाव में बीएमसी में वे सबसे बड़ी पार्टी बनी थीं, इसलिए उनके पास मेयर पद का स्वाभाविक दावा है।

इन दोनों दावों के बीच अंतिम फैसला होने में समय लग सकता है। सूत्रों का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर बातचीत जारी है, लेकिन दोनों पक्ष अपनी-अपनी स्थिति से पीछे हटने को फिलहाल तैयार नहीं दिख रहे।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सदन में शिंदे द्वारा फडणवीस की प्रशंसा एक रणनीतिक संदेश था—यह दिखाने के लिए कि महायुति में कोई दरार नहीं है और सरकार स्थिर है। हाल ही में कैबिनेट विस्तार, मंत्रालयों के बंटवारे और बीएमसी चुनाव की तैयारी को लेकर सौहार्द में कुछ खटास की खबरें सामने आई थीं।
इन परिस्थितियों में शिंदे का यह कदम माहौल को सकारात्मक करने की कोशिश माना जा रहा है। (Mahayuti)

मुंबई महानगरपालिका देश की सबसे बड़ी और सबसे धनवान नगर निकाय है, इसलिए मेयर पद का राजनीतिक महत्व बेहद बड़ा है। अनुमान है कि चुनाव जल्दी ही घोषित होंगे, और गठबंधन को यह तय करना होगा कि सीट किसके खाते में जाएगी।
यह भी संभव है कि महायुति एक “फॉर्मूला” बनाकर दावे का फैसला कर ले—जैसे कार्यकाल का बंटवारा या अन्य महत्वपूर्ण पदों का समायोजन। (Mahayuti)

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